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लोगों का आना और घटाएगा ब्रिटेन

२३ नवम्बर २०१०

ब्रिटेन ने कहा है कि यूरोपीय संघ के बाहर से उसके यहां आने वाले कुशल कामगारों की संख्या में 20 फीसदी से ज्यादा की कमी की जाएगी. अब इनकी संख्या अगले साल 43 हजार तक ही रह जाएगी.

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तस्वीर: AP

अगले साल अप्रैल से 43 हजार कामगारों की संख्या सुनिश्चित हो जाएगी. प्रवासन पर सलाह देने के लिए बनाई गई समिति ने यह संख्या सुझाई है. इसका सुझाव है कि अगले साल तक यूरोपीय संघ के बाहर से आ रहे प्रवासियों की संख्या में 13 से 25 फीसदी तक कमी की जाए. हालांकि सिफारिशों के मुताबिक कटौती का 80 फीसदी हिस्सा छात्रों और परिवारों के जरिए होना चाहिए. प्रोफेशनल्स की संख्या 20 फीसदी तक ही कम हो पाएगी.

सरकार के इस फैसले पर ब्रिटेन के व्यापार संगठनों ने अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया जताई है. ब्रिटिश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के महानिदेशक डेविड फ्रॉस्ट ने इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा, "यह जानकर व्यापार जगत खुश है कि सरकार ने उसकी चिंताओं को समझा है. हम गृह मंत्री से अपील करते हैं कि वह सुनिश्चत करें कि हमें अपनी जरूरत के मुताबिक भर्तियां करने की छूट रहे." उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में यह जरूरी है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को जब भी जरूरत हो, इंग्लैंड भेज सकें.

लंदन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सीईओ कॉलिन स्टैन्ब्रिज ने भी सरकार के इस फैसले को अच्छा बताया लेकिन उन्होंने संख्या तय करने के साथ साथ लचीलेपन की भी जरूरत बताई. उन्होंने कहा, "टियर 1 में लोगों की संख्या को सिर्फ 1000 कर देने का सरकार का फैसला हैरतअंगेज है क्योंकि इससे लंदन कई बेहतरीन प्रतिभाओं से वंचित रह जाएगा." उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि नई व्यवस्था से लंदन को कम से कम नुकसान हो और इसके लिए हम कोशिश करते रहेंगे.

लेकिन यूनिवर्सिटी और कॉलेज यूनियन के महासचिव सैली हंट इस फैसले से ज्यादा खुश नजर नहीं आए. उन्होंने कहा कि दुनिया के शिक्षकों और छात्रों को यह संदेश देना सही नहीं होगा कि ब्रिटेन में उनका स्वागत नहीं है. उन्होंने कहा, "विदेशी छात्र हर साल अरबों पाउंड लेकर आते हैं. और फायदे सिर्फ वित्तीय नहीं हैं. अदला बदली की योजनाओं से ब्रिटिश छात्रों को भी बहुत फायदा होता है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/वी कुमार

संपादन: महेश झा

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