1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

लोगों को "अकेला" बना रहा है सोशल मीडिया

ओंकार सिंह जनौटी
६ मार्च २०१७

फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटें लोगों को एकाकी बना रही हैं. अमेरिकी मनोचिकित्सकों ने बड़े शोध के बाद यह दावा किया है.

https://p.dw.com/p/2YgiQ
Symbolbild China Internetzensur Zensur Internet
तस्वीर: Getty Images

पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन दो घंटे से ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोग सामाजिक रूप से ज्यादा अकेलापन महसूस करते हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि सोशल मीडिया के जरिये लोगों को हमेशा पता चलता रहता है कि दूसरे क्या कर रहे हैं. ऐसे में कई लोग खुद को कोसने लगते हैं. दूसरे की तस्वीरें देखकर उन्हें लगता है कि अगला मजे कर रहा है और मेरा जीवन यहीं फंसा हुआ है.

शोध के दौरान इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और टम्बलर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट का भी अध्ययन किया गया. पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर एलिजाबेध मिलर कहती हैं, "फिलहाल हमें यह नहीं पता कि पहले क्या शुरु हुआ, सोशल मीडिया का इस्तेमाल या सामाजिक अकेलापन. यह मुमकिन है कि शुरू में सामाजिक रूप से अकेलापन महसूस करने वाले युवाओं ने सोशल मीडिया का सहारा लिया होगा. फिर सोशल मीडिया के बहुत ज्यादा इस्तेमाल के चलते वे असली दुनिया के कटाव महसूस करने लगे हों."

शोध में यह भी साफ पता चला है कि जो व्यक्ति सोशल मीडिया पर जितना ज्यादा समय लगाता है वह असली दुनिया में होने वाले संवाद से दूर रहता है.

19 से 32 साल के करीब 2,000 वयस्कों पर शोध करने के बाद यह दावा किया गया है. पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर ब्रायन प्राइमैक कहते हैं, "यह बहुत ही जरूरी मुद्दा है क्योंकि युवा वयस्कों में मानसिक परेशानियां और सामाजिक अकेलापन बहुत ही उच्च स्तर पर है. ऐतिहासिक रूप से हम सामाजिक प्राणी हैं, लेकिन आधुनिक जीवन हमें साथ लाने के बजाए एकाकी बना रहा है. मैं समझता हूं कि किसी को ऐसे हल की उम्मीद नहीं थी."

(सोशल मीडिया पर जीते जी मरे ये सेलिब्रिटी...)