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समाज

लोगों को नेकी सिखाती बेजान दीवार

एम. अंसारी
३ मार्च २०१७

लक्ष्मी हर हफ्ते ‘’नेकी की दीवार” पर आती है और अपने परिवार के लिए यहां से कपड़े, खिलौने, किताबें और घर की जरूरत की चीजें उठा ले जाती हैं. नेकी की दीवार एक तरह की कल्याणकारी और दान से जुड़ी दीवार है.

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Indien Uttar Pradesh Wall of kindness in Noida
तस्वीर: DW/M. Ansari

दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 25 की जलवायु विहार कॉलोनी में मेड का काम करने वाली लक्ष्मी रानी बताती है कि जब से नेकी की दीवार इस कॉलोनी में बनी है तब से वह अपने घर की जरुरत के लिए कई चीजें यहां से ले जा चुकी हैं. लक्ष्मी के मुताबिक, "मेरे छोट-छोटे तीन बच्चे हैं, मैं और मेरा पति इतना नहीं कमा पाते हैं कि बच्चों की हर जरूरत पूरी कर सकें. छोटे बच्चों के लिए कपड़े, जूते, खिलौने और किताबें चाहिए होती है. यह सब चीजें हर महीने बाजार से खरीद पाना हमारे बस की बात नहीं. जब से यहां नेकी की दीवार बनी है मैं घर और बच्चों की जरूरत की चीजें यहां से मुफ्त में ले जाती हूं.”

दिल्ली और नोएडा में ऐसी कुल तीन दीवारें हैं. यह दीवारें किसी कॉलोनी के बाहर या फिर किसी बाजार वाले रास्ते पर पहले से मौजूद होती हैं, दीवार को रंग रोगन और सामाजिक संदेश के साथ नेकी की दीवार में तब्दील किया जाता है. नोएडा, लखनऊ और दिल्ली में इस अभियान की शुरुआत इंडियन यूथ फोरम और आनंदम फाउंडेशन ने संयुक्त रूप से की है. इंडियन यूथ फोरम के संस्थापक अमृतांशु वैश के मुताबिक, "इस दीवार का उद्देश्य किसी की भी भावना को ठेस पहुंचाए बिना जरूरतमंदों की मदद करना है. इस दीवार पर जो लोग जरूरत की चीजें छोड़ जाते हैं उन्हें नहीं पता कि इसको इस्तेमाल करने वाला कौन है. इसी के साथ यहां से जो सामान ले जा रहा है उसे भी यह नहीं पता होता है कि इसका मालिक कौन था. यह एक तरह का गोपनीय आदान-प्रदान है जिसका जरिए यह नेकी की दीवार है.” 

Indien Uttar Pradesh Wall of kindness in Noida
निर्धनों की मदद करती दीवारतस्वीर: DW/M. Ansari

"अधिक है तो छोड़ जाएं, जरूरत है तो ले जाएं

इंडियन यूथ फोरम ने सबसे पहले लखनऊ में ऐसी दीवार बनाई थी जिसके बाद इस अभियान का विस्तार कानपुर, गाजियाबाद में किया गया. इस अभियान का कॉन्सेप्ट ऐसा है कि इसमें वित्तीय भागीदारी नहीं होती है और दीवार को तैयार करने का काम वॉलिंटियर करते हैं. वैश के मुताबिक, "हर नेकी की दीवार से दो से ढाई सौ लोगों को रोजाना मदद मिलती है. नेकी की दीवार को चलाने की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों की होती है. हम रोजमर्रा की प्रक्रिया में शामिल नहीं होते बल्कि स्थानीय लोगों को इसमें शामिल करते हैं. उनके योगदान से किसी जरूरतमंद की मदद हो जाती है.”

अमीरी-गरीबी की गहरी खाई

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के तमाम दावों के बीच यह भी सच है कि भारत की 22 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीचे आती है. यहां हर पांचवां आदमी गरीबी में जीवन जीने को मजबूर है. आय की असमानता गांव में तो दिखती ही है शहरों में भी यह साफ नजर आती है. हाल ही में नाइट फ्रैंक वेल्थ की आई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में दुनिया के 2 फीसदी करोड़पति यानी करीब एक करोड़ 36 लाख लाख लोग रहते हैं. आय की असमानता की खाई कितनी गहरी है, यह ऑक्सफैम की रिपोर्ट से पता चलता है जिसमें कहा गया है कि भारत की कुल 58 फीसदी संपत्ति पर देश के मात्र एक फीसदी अमीरों की जेब में है. वहीं देश के 57 अरबपतियों के पास 216 अरब डॉलर की संपत्ति है जो देश के आर्थिक पायदान पर नीचे की 70 फीसदी आबादी की कुल संपत्ति के बराबर है.

Indien Uttar Pradesh Wall of kindness in Noida
कई और शहरों में ऐसी ही दीवार बनाने की तैयारीतस्वीर: DW/M. Ansari

बढ़ती आर्थिक विषमता के बीच इस तरह की पहल सराहनीय है. दो रोटी की जद्दोजहद के बीच गरीबों के लिए नेकी की दीवार बड़ी मदद बनकर आई है. नेकी की दीवार के पास रहने वाले जी प्रसाद कहते हैं कि, "नेकी की दीवार के कारण यहां काम करने वाले लोग या फिर सोसाइटी से बाहर रहने वाले लोग लाभ उठा रहे हैं. हमारे इस्तेमाल में जो चीजें नहीं है और जिनकी हालत अच्छी है उसे हम यहीं छोड़ देते हैं. और यहां से कोई भी जरूरतमंद उठाकर ले जा सकता है. इस दीवार की वजह से चीजों की बर्बादी रुकती है और उपयोग लायक चीजें दोबारा इस्तेमाल होती हैं.”

दिल्ली-एनसीआर में नेकी की दीवार अभियान का नेतृत्व करने वाली माधुरी अग्रवाल के मुताबिक, "जब हम लोगों ने इस दीवार की शुरुआत की पहल के तहत सोसायटी के लोगों से बात की और उनसे दीवार रंग रोगन के लिए इजाजत मांगी तो हमें खुशी खुशी इजाजत दे दी गई. इस अभियान से लोग सकारात्मक रूप से जुड़ रहे हैं. लोग अपने तरीके से योगदान कर एक महान कार्य का हिस्सा बन रहे हैं. बड़े शहरों में जहां लोगों के पास दूसरों के लिए समय नहीं होता वहीं इस दीवार के जरिए समाज को कुछ वापस लौटाने की कोशिश की जा रही है.”

इंडियन यूथ फोरम आने वाले समय में उत्तर भारत में इस तरह की 100 और दीवारें बनाने जा रही है. वहीं इलाहाबाद, भोपाल, भीलवाड़ा, रायपुर, कोरबा, चंबा, वाराणसी में अलग-अलग स्वयं सेवी संस्था नेकी की दीवार बनाकर गरीबों की मदद के लिए आगे आई है.

(इन आठ लोगों के पास है दुनिया की आधी दौलत)