वर्ल्ड कपः ग्रुप ए का समीकरण
९ अप्रैल २०१४नेयमार और कोच स्कोलारी ने पिछले 14 में से 13 मैच जीते हैं. इन्हें हरा पाना आसान नहीं. ग्रुप की दूसरी टीमें क्रोएशिया और मेक्सिको जैसी हैं, जो मुश्किल से आखिरी 32 में जगह बना पाई हैं. चौथी टीम कैमरून को अपने स्ट्राइकर सैमुएल इटो पर भरोसा है. 12 जून को ब्राजील और क्रोएशिया के बीच मुकाबले के साथ वर्ल्ड कप की शुरुआत होनी है. ग्रुप ए की पांच खास बातें
1. ताकतवर मेजबान
माना जा रहा है कि ब्राजील की ताकतवर टीम फाइनल तक पहुंच सकती है. पांच बार की चैंपियन टीम 1970 के बाद हर बार दूसरे दौर तक पहुंची है. अपने ग्रुप के सभी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसकी जीत का रिकॉर्ड है.
पिछले साल उसने कॉन्फेडरेशन कप जीता है और इससे उत्साह और बढ़ा होगा. हालांकि पिछले दो वर्ल्ड कप में ब्राजील क्वार्टर फाइनल में ही बाहर हो गया था.
2. लातिन चुनौती
मेक्सिको की टीम भले ही मुश्किल से वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई कर पाई हो लेकिन उसकी चुनौती को कम करके नहीं आंका जा सकता है. पिछले दो बार से उसे अर्जेंटीना की टीम मुकाबले से बाहर कर रही है. लेकिन इस बार उसका अर्जेंटीना से सामना नहीं होगा.
मेक्सिको सिर्फ दो बार 1970 और 1986 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंच पाया है. खावियर हर्नांडेज मेक्सिको के बड़े स्टार हैं लेकिन यह पक्का नहीं है कि क्या वह पहले मैच में खेल पाएंगे. वर्ल्ड कप में मेक्सिको और कैमरून के बीच कभी मैच नहीं हुआ है. उसने सिर्फ एक बार क्रोएशिया के खिलाफ खेला है और 1-0 से जीत हासिल की है. हालांकि ब्राजील से हर बार हार का सामना करना पड़ा है.
3. कैमरून का काला जादू
किसी जमाने में रोजर मिल्ला ने कैमरून की टीम को सुर्खियों में पहुंचाया था. इस बार टीम को सैमुएल इटो पर भरोसा है. 33 साल के इटो चेल्सी के लिए खेलते हैं. कैमरून 1990 में पहले दौर से पार पा सका था, जब यह क्वार्टर फाइनल तक पहुंचा था. इसे पहले मेक्सिको और क्रोएशिया से भिड़ना है, तब जाकर मेजबान ब्राजील से टक्कर होगी.
4. क्रोएशियाई चुनौती
पूर्वी यूरोपीय देश को पता है कि इस मुकाबले में उसकी क्या जगह है. कोच नीको कोवाच के सामने दूसरी मुश्किल यह है कि प्रमुख स्ट्राइकर नहीं हैं. टीम के एक स्ट्राइकर जोसिप सिमुनिच ने नाजी समर्थक प्रशंसकों का साथ दिया था, जिसकी वजह से उन पर भी फीफा ने 10 मैचों की पाबंदी लगा रखी है.
पहला मैच ही ब्राजील से खेलना है, फिर कैमरून और मेक्सिको से. दूसरे दौर में पहुंचने की उम्मीद बहुत कम है.
5. आसान नहीं राह
पहले दौर को पार करने के बाद भी मुकाबला आसान नहीं रहेगा. किसी एक टीम को ग्रुप बी की किसी टीम से भिड़ना होगा. ग्रुप बी में पिछले बार की विजेता स्पेन, उपविजेता नीदरलैंड्स, चिली और ऑस्ट्रेलिया हैं. ग्रुप ए की दूसरी टीम को ग्रुप डी में किसी से टक्कर लेनी होगी, जिसमें उरुग्वे, इंग्लैंड, इटली और कोस्टा रीका की टीमें हैं.
एजेए/ओएसजे (एपी)