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वर्ल्ड कप की बॉल पर विवाद शुरू

१५ जून २०१०

फीफा वर्ल्ड कप में गेंद पर विवाद शुरू हो गया है. इंग्लैंड का कहना है कि नई जेबुलानी फुटबॉल से जर्मनी को फायदा हो रहा है. मेसी और अन्य खिलाड़ियों ने भी गेंद पर सवाल उठाए. अब तक फ्री किक में कोई गोल नहीं हो सका है.

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तस्वीर: adidas

इंग्लैंड के डिफेंडर जैमी कैराघेर ने दावा किया है कि जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में नई गेंद को चार महीने पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है. यही वजह है कि जर्मनी एक ही मैच में गोल दागने में कामयाब हुआ. इंग्लैंड और जर्मनी परंपरागत प्रतिद्वंदी हैं. यही वजह है कि जर्मनी के प्रदर्शन से इंग्लैंड के कान खड़े हो गए हैं.

कैराघेर ने कहा, ''इससे उन्हें फायदा मिल रहा है. यह सच है. बॉल काफी अलग है.'' इंग्लिश खिलाड़ी ने फीफा की आलोचना भी की. उन्होंने कहा, ''जब आप वर्ल्ड कप के लिए बॉल बनाते हैं तो यह ध्यान में रखा जाता है कि ज्यादा से ज्यादा गोल हों. इससे टूर्नामेंट रोमांचक बनता है. लेकिन यहां हर गेंद गोलपोस्ट के ऊपर से जा रही है. मैंने अभी तक गोल पर किसी की फ्री किक नहीं देखी है.''

England - USA WM Weltmeisterschaft Flash-Galerie
इंग्लैड की भड़ासतस्वीर: AP

अब तक के मैचों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया वाले मैच में ही चार गोल पड़े. बाकी मैचों में अन्य टीमों को गोल करने में खासी मुश्किल हो रही है. अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी और इंग्लैंड के स्ट्राइकर हेस्की ने भी जेबुलानी फुटबॉल पर सवाल उठाए है. दोनों का कहना है कि किक मारने के बाद गेंद अंदाजे से ज्यादा ऊपर जा रही है. हालांकि मेसी का कहना है कि अभ्यास के बाद खिलाड़ियों की इसकी आदत पड़ जाएगी.

यह पहला मौका नहीं है जब एडिडास की जेबुलानी गेंद से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खेला जा रहा है. भारत के लेटेक्स का इस्तेमाल करते हुए चीन में बनी इस गेंद से इसी साल अफ्रीकन नेशन्स कप खेला गया. अर्जेंटीना के लीग टूर्नामेंट में भी इसी गेंद का इस्तेमाल किया गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: उ भ