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वर्ल्ड कप नीरस मुकाबलों के साथ शुरू

१२ जून २०१०

विश्व कप की शुरुआत एक बेहतरीन मैच और कोई उलटफेर से हो, तो इसका मजा दोगुना हो जाता है. लेकिन फीफा वर्ल्ड कप 2010 के पहले दिन न तो कोई बड़ा मैच हो पाया और न ही कोई उलटफेर भरा मुकाबला.

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शाबालाला के गोल से हुई शुरुआततस्वीर: AP

ग्रुप ए में फ्रांस को छोड़ कर कोई बड़ी टीम नहीं दिखती. दक्षिण अफ्रीका मेजबान होने के नाते पहले ग्रुप में शामिल है, जबकि मेक्सिको और उरुग्वे की टीम भी अच्छा फुटबॉल खेलती हैं. पर वे चैंपियन नहीं.

फ्रांस से बड़ी उम्मीदें थीं. जिनेदिन जिदान की अगुवाई में एक वर्ल्ड कप जीतने और 2006 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचने वाली फ्रांस से एक जीत की उम्मीद की जा रही थी. वह नहीं कर पाई. हालांकि फ्रांस बड़े सपने दिखा कर फिसड्डी प्रदर्शन करने वाली टीम भी है, तो हैरान कर देने वाले नतीजे देने वाली टीम भी.

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ज़िदान की अगुवाई में आगे रही फ्रांस की टीमतस्वीर: picture alliance/dpa

1998 का वर्ल्ड कप जीत कर फ्रांस की टीम अगले विश्व कप में 2002 में जब दक्षिण कोरिया पहुंची, तो सेनेगल ने पहले मैच में ही उसे निपटा दिया था. फिर फ्रांस एक मैच ड्रॉ कर पाया और अगले मैच में डेनमार्क से हार गया. विश्व विजेता टीम की पहले दौर के बाद ही रुखसती हो गई. थियेरी ऑनरी की अगुवाई में इस बार फ्रांस की टीम बेहद दबाव के बीच वर्ल्ड कप खेलने पहुंची है. क्वालीफाइंग मैच में बेईमानी का सहारा लेने और राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के सेक्स स्कैंडलों में फंसने के बाद टीम विवादों में घिरी है.

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दक्षिण अफ्रीका गोलकीपल खूनेतस्वीर: AP

अब पहला मैच ड्रॉ खेल लेने के बाद इसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. फ्रांस को अब मेजबान दक्षिण अफ्रीका और दो बार की वर्ल्ड चैंपियन उरुग्वे से भिड़ना है. एक हार भी फ्रांसीसी टीम के लिए पेरिस का टिकट कटा सकता है. थियेरी ऑनरी पहले मैच में दूसरे हाफ में ही मैदान में उतरे. लेकिन आने वाले मैचों में उन्हें अपने बूट जरा पहले झटकाने होंगे. टीम के दूसरे स्टार फ्रांक रिबेरी बेहतरीन फॉर्म में दिख रहे हैं. लेकिन विपक्षी टीम के खिलाड़ियों ने जिस तरह उनकी घेरेबंदी कर रखी थी, उसे देख कर लगता है कि आने वाले मैचों में भी उन्हें खुल कर खेलने का कम ही मौका मिलेगा.

उरुग्वे की टीम फ्रांस पर किस कदर हावी होने की कोशिश कर रही थी, इसका अंदाजा इस बात से भी लग सकता है कि निकोलास लुडेरो ने 62वें मिनट में मैदान में उतरने के मिनट भर के अंदर ही पीला कार्ड देख लिया. इसके बाद 80वें मिनट में उन्होंने फिर फाउल किया और रेफरी का हाथ बरबस जेब में चला गया. लगातार दो यलो कार्ड लुडेरो के लिए रेड कार्ड बन गया और मैच में उनके लिए लाल बत्ती जल गई. फिर भी 10 खिलाड़ियों से खेलते हुए उरुग्वे ने गोल नहीं खाया और चैंपियन समझी जाने वाली टीम को रोक कर रख दिया.

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लोडेरो को कार्डतस्वीर: AP

इससे पहले जोहानिसबर्ग में खेला गया वर्ल्ड कप 2010 का पहला मैच भी नीरस तरीके से शुरू हुआ. मेजबान दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका की ताकतवर फुटबॉल टीम मेक्सिको औसत से ज्यादा फुटबॉल नहीं खेल पा रहे थे. पहले हाफ में तो कुछ नहीं हुआ. हां, दूसरे हाफ में पीली जर्सी वाले शाबालाला ने बाएं बूट की बेहतरीन ठोकर से गेंद को इस विश्व कप में पहली बार जाल से मिलाया. कुछ बड़ा उलटफेर होता दिख रहा था लेकिन मेक्सिको ने आखिरी मौके पर बराबरी कर ली और मैच 1-1 से ड्रॉ ही रहा.

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मेक्सिकोः मार्केज़ ने बनाया गोलतस्वीर: dpa

पहले दिन के दोनों मैच ड्रॉ होने के बाद अब विश्व कप में दूसरी मजबूत टीमों से अच्छे फुटबॉल की उम्मीद की जा रही है. शनिवार का दिन अर्जेंटीना और इंग्लैंड के नाम रहेगा. अर्जेंटीना को अफ्रीकी देश नाइजीरिया से भिड़ना है, जबकि इंग्लैंड का मुकाबला अमेरिका से होगा.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः एम गोपालकृष्णन