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वह दिलशान नहीं, दिलहारा है

१० सितम्बर २०१०

इंग्लैंड से उछला मैच फिक्सिंग का कीचड़ श्रीलंका तक पहुंचा. खिलाड़ी दामन बचाने में लगे हैं और तिलकरत्ने दिलशान के बाद दिलहारा फर्नांडो का नाम सामने आया है. लेकिन श्रीलंका का कहना है कि उनके खिलाफ जांच नहीं हो रही है.

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दिलहारा फर्नांडोतस्वीर: AP

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि फर्नांडो ने खुद बताया था कि कुछ संदिग्ध सट्टेबाजों ने उनसे मुलाकात की लेकिन उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. बोर्ड का कहना है कि आईसीसी इस मामले में फर्नांडो से कोई पूछताछ नहीं कर रही है और न ही वह शक के घेरे में हैं.

समाचारपत्र द आईलैंड में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा और सुरक्षा इकाई ने श्रीलंका पहुंच कर इस साल के शुरू में या पिछले साल के आखिर में पूछताछ की. इस दौरान श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के एक पूर्व अध्यक्ष ने अनुवादक का काम किया.

Pakistan Cricket Manipulation
तस्वीर: AP

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "आईसीसी के अधिकारियों से बातचीत के लिए फर्नांडो को अनुवादक की मदद लेनी पड़ी. श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के एक पूर्व अध्यक्ष को यह काम करना पड़ा. आईसीसी लगभग दो साल से फर्नांडो की जांच कर रही है."

हालांकि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने इस रिपोर्ट को नकारते हुए कहा है कि फर्नांडो ने अपनी इच्छा से आईसीसी की टीम से बातचीत की और उन्होंने बताया कि किस तरह एक संदिग्ध सट्टेबाज ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की. बोर्ड का कहना है कि आईसीसी के अधिकारी लाहौर में पिछले साल श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हुए कातिलाना हमले की जानकारी लेने आए थे.

बोर्ड ने इस मामले में एक बयान जारी कर कहा, "आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने बोर्ड के सामने ऐसा कोई मामला नहीं रखा है और बिना तथ्यों की पुष्टि किए ऐसा आरोप लगाना गलत है. मई, 2009 में आईसीसी की टीम श्रीलंका जरूर आई लेकिन उन्होंने लाहौर में क्रिकेट खिलाड़ियों से भरी बस पर आतंकी हमले के बारे में बातचीत की." पिछले साल मार्च में पाकिस्तानी शहर लाहौर में श्रीलंका के राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों पर जानलेवा आंतकी हमला हुआ, जिसके बाद से पाकिस्तान में सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच बंद कर दिए गए.

बयान में कहा गया, "आईसीसी की टीम जब यहां आई तो दिलहारा फर्नांडो ने खुद ही उनसे बातचीत की और बताया कि किस तरह एक सटोरिए ने उनसे संपर्क किया. आईसीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे भ्रष्टाचार निरोधी इकाई को दे दिया. बाद में इसी सिलसिले में फर्नांडो से बातचीत की गई."

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का कहना है कि इस तरह के मामले सामने आने पर खिलाड़ियों से बातचीत करना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. यह मामला वहीं तक चला है. किसी मैच फिक्सिंग या सट्टेबाजी जैसे मामले में पूछताछ नहीं हुई है.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः उ भट्टाचार्य

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