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वापस तुर्की लौटे शरणार्थी

४ अप्रैल २०१६

यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच हुए समझौते के तहत ग्रीस से तुर्की वापस भेजे जा रहे शरणार्थियों की पहली खेप इस्तांबुल पहुंच गई है. मानवाधिकार संगठन इस समझौते की आलोचना कर रहे हैं और कई जगह इसे लेकर प्रदर्शन भी हुए हैं.

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Griechenland Flüchtlinge auf Lesbos
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/P. Giannakouris

सोमवार की सुबह शरणार्थियों से लदी दो नावें तुर्की के तट दिकिली पहुंचीं. ग्रीस के लेस्बॉस द्वीप से चली इन नावें के 136 शरणार्थियों में कोई भी सीरियाई शरणार्थी मौजूद नहीं है. इस जत्थे में पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया के शरणार्थी शामिल हैं.

तुर्की के यूरोपीय मामलों के मंत्री वोल्कान बोजकीर का कहना है कि आने वाले जत्थों के सीरियाई शरणार्थियों को तुर्की के शहर ओसमानिये भेजा जाएगा. सोमवार को स्थानीय टीवी चैनल से बात करते हुए बोजकीर ने कहा कि शिविरों से लाए गए सीरियाई शरणार्थियों को जर्मनी भेजा जाएगा और वहां से उन्हें दूसरे देशों में भेजने की व्यवस्था होगी.

अपने टीवी साक्षात्कार में बोजकीर ने यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर वीजा में छूट दिए जाने के प्रावधानों की व्यवस्था के लिए तुर्की की संसद सप्ताहांत के छुट्टी के दिनों में भी काम करेगी.

उधर ग्रीस के लेसबॉस द्वीप में मौजूद डीडब्लू के संवाददाता ओलिवर सेलेट ने बताया कि इस समझौते के तहत शरणार्थियों को वापस भेजे जाने के खिलाफ वहां प्रदर्शन भी हो रहे हैं.

तुर्की का कहना है कि उसने 500 शरणार्थियों को स्वीकार करने के लिए तैयारी की हुई है. दिकिली के बंदरगाह पर तुर्की सरकार ने वहां पहुंच रहे शरणार्थियों के लिए रिसेप्शन सेंटर बनाए हैं. ग्रीस के चिओस बंदरगाह में भी शरणार्थियों के लिए तुर्की का एक जहाज इंतजार कर रहा है.

दूसरी तरफ जर्मन फैडरल रिफ्यूजी ऑफिस ने बताया है कि इस समझौते के तहत पहला सीरियाई जत्था शरणार्थी तुर्की के शहर इस्तांबुल से जर्मनी भी आ पहुंचा है. उत्तरी जर्मनी के शहर हनोवर पहुंचे इस जत्थे के 16 शरणार्थियों को शहर से 140 किलोमीटर दूर एक शरणार्थी शिविर में ले जाया गया है. अधिकारियों का कहना है कि सीरियाई शरणार्थियों का एक दूसरा जत्था भी दोपहर तक यहां पहुंच जाएगा.

यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच हुए इस समझौते की कई मानवाधिकार संगठन आलोचना कर रहे हैं. वहीं आस्ट्रिया जैसे कई यूरोपीय देशों ने भी इस योजना के सफल हो पाने को लेकर शक जताया है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी समझौते की आलोचना करते हुए कहा है कि बगैर शरण दिए जाने के आश्वासन के इतने बड़े स्तर पर शरणार्थियों को भेजा जाना वैधानिक नहीं है. इस समझौते के बाद से ग्रीस के द्वीप में अब तक तकरीबन 4000 शरणार्णियों को निगरानी में ले लिया गया है.

आरजे/आईबी (रॉयटर्स, डीपीए)