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"विकीलीक्स से भारत अमेरिकी रिश्तों पर असर नहीं"

२३ दिसम्बर २०१०

भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हैं कि विकीलीक्स की तरफ से जारी होने वाले गोपनीय राजनयिक संदेशों से दोनों देशों के रिश्तों पर असर नहीं पड़ेगा. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की टेलीफोन पर बात हुई.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने दोतरफा रिश्तों से लेकर अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति और विकीलीक्स की ओर से गोपनीय अमेरिकी राजनयिक संदेश जारी किए जाने तक कई मुद्दों पर बात की. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउली ने कहा कि यह बातचीत 15 मिनट तक चली.

क्राउली ने बताया, "ऐसे बहुत से विषयों पर बात हुई जो भारत अमेरिकी संबंधों की गहराई को जाहिर करते हैं. इसमें राष्ट्रपति ओबामा की सफल भारत यात्रा और अगली रणनीति वार्ता की योजना भी शामिल हैं. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए जारी सहयोग पर भी बात की. अफगानिस्तान की स्थिति का भी जिक्र हुआ और रिचर्ड होलब्रुक के निधन पर विदेश मंत्री कृष्णा ने दुख भी जताया."

विकीलीक्स के मुद्दे पर क्राउली ने बताया, "दोनों देशों के विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए हैं कि गोपनीय राजनयिक संदेशों के गैर कानूनी ढंग से उजागर किए जाने से अमेरिका और भारत के बढ़ते संबंधों पर कोई असर नहीं होगा." एसएम कृष्णा ने दूसरे दौर की रणनीति वार्ता के लिए क्लिंटन को भारत आने का निमंत्रण दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस वार्ता की तारीखें राजनियक माध्यमों से तय की जाएंगी. दोनों देशों की पहले दौर की रणनीतिक वार्ता इस साल जून में अमेरिका में हुई.

उधर राजनीतिक मामलों के अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री विलियम बर्न्स ने भी भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव से विभिन्न द्विपक्षीय और परस्पर महत्व के क्षेत्रीय मुद्दों पर टेलीफोन से बात की है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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