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विधानसभा चुनाव और विकीलीक्स

८ दिसम्बर २०१०

बिहार में विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भारी जीत और विकीलीक्स के खुफिया दस्तावेज लीक करने की खबरों को डॉयचे वेले ने जिस तरह से प्रस्तुत किया, उस पर हमारे श्रोताओं ने हमें अपनी प्रतिक्रियाएं भेजी हैं.

https://p.dw.com/p/QTJH
तस्वीर: Wikileaks

बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बारे में त्वरित जानकारी पढ़ने को मिली. नीतीश ने लिखी बिहार की नई कहानी, हाय रे हार, रहस्यमय जीत और चुनाव परिणाम को लेकर किसने क्या कहा....सब कुछ सटीक और रोचक लगा. बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम को बहुत बढ़िया ढंग से श्रोताओं तक पहुंचाने के लिए डॉयचे वेले को बहुत बहुत धन्यवाद.

खोज के तहत पेड़ों को बचाने में लगे जकार्ता के एक रेडियो स्टेशन-ग्रीन रेडियो के बारे में बहुत ही दिलचस्प, ज्ञानवर्धक और सार्थक जानकारी पढ़ने को मिली. इस ग्रीन रेडियो से भारत के आकाशवाणी केन्द्रों को भी सीख लेनी चाहिए.

विकीलीक्स के दस्तावेज और इनसे सम्बंधित प्रतिक्रियाओं के बारे में विस्तृत, सारगर्भित और निष्पक्ष जानकारी हमें सिर्फ और सिर्फ डॉयचे वेले की वेब साईट में ही पढ़ने और सुनने को मिली. इसके लिए डॉयचे वेले की पूरी टीम को हार्दिक बधाई एवं बहुत-बहुत धन्यवाद.

चुन्नीलाल कैवर्त, ग्रीनपीस डी एक्स क्लब सोनपुरी, टेंगनमाड़ा, बिलासपुर,छत्तीसगढ़

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बिहार में एनडीए को मिला प्रचंड बहुमत जातिवाद के आधार पर इतनी बड़ी जीत संभव ही नही थी. बिहार को जब नीतीश जी ने संभाला था तब जैसी सामाजिक स्थितियां थीं उसके चलते दिन की बात ही छोड़ें शाम से ही सड़को पर सन्नाटा छा जाता था. महिलाएं असुरक्षित थीं, सड़कों के हाल खराब थे...इन सब में जो बुनियादी परिवर्तन विगत वर्षों में जनता ने देखे हैं, उसी के चलते नीतीश पुनः सत्ता में आये हैं.

विकीलीक्स पर अमेरिका की त्योरियां चढ़ीं वर्तमान विश्व में जिस तरह से सब कुछ फिक्स और प्रायोजित होने लगा है, कहीं विकीलीक्स भी सीआईए की सोची समझी कूटनीति न हो? जिससे वे तथ्य जो अमेरिका सीधे नही कह पा रहा है वे इस तरह प्रकट किए जा रहे हैं! यदि मेरा यह अनुमान सच नही है तो सचमुच इंटरनेट अमरीका के गले की हड्डी सिद्ध हो रहा है.

विवेक रंजन श्रीवास्तव, जबलपुर

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आप लोगों के बेहतरीन कार्यक्रम और साथ ही युवाओं को आकर्षित करने वाली पहेली और शानदार इनाम वाले प्रोग्राम बहुत ही प्रशंसनीय हैं. साथ ही आपकी विज्ञान, खगोल और पर्यावरण से जुड़ी रिपोर्टें उल्लेखनीय हैं. आशा है आप हम सबको इसी तरह से ज्ञानवर्धक कार्यक्रम से लाभांवित करते रहेगें.

हेमंत मिश्रा, बैंगलौर

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पत्रकारों की लक्ष्मण रेखा पर महाभारत आजकल हर देश पत्रकारिता पर निर्भर हैं. हर व्यक्ति पत्रकारिता के काम को सलाम करता हैं. अगर पत्रकार की कलम को जंग लग जाए, तो समाज/देश ऊँचा नहीं उठ सकता. हमारे देश में मीडिया ने कुछ ऐसे कारनामें कर दिखाए हैं जो क़ाबिले तारीफ हैं, कुछ ऐसा भी है जिसका समाज पर बुरा असर भी पड़ता हैं.

मेरे ख्याल से पत्रकारिता में कुछ दिशा निर्देश भी होने चाहिए जिसमें उनको मालूम हो कि कुछ बातें उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं. मसलन सूरज कभी रात को नहीं निकलता, आकाश कभी धरती पर नहीं उतरता, सवेर को कभी चंद्रमा की रोशनी कभी नहीं दिखाई देती. हर वस्तु अपने काम में लीन हैं. कुदरत में भी कुछ निजाम बन्द रखे हैं. ऐसे ही पत्रकारिता को और अच्छा, उपयोगी बनाने के लिए कुछ होना चाहिए.

हरमेश चंद्र शर्मा

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निजी कंपनियां छोड़ने लगीं विकीलीक्स का साथ विकीलीक्स संस्थापक के खिलाफ रेड कार्नर वारंट जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. मेरी राय में विकीलीक्स ने जो तमाम खुलासे किये हैं वो जनहित में ही हैं. इसके इस कदम से जो देश चिंतित हुए हैं, निश्चित रूप से वो कहीं न कहीं तुष्टिकरण की नीतियों को अपना कर दोहरी मानसिकता से ग्रस्त थे, जिसका नकारात्मक असर विश्व समुदाय पर पड रहा था.

विकीलीक्स ने उन्हें आईना दिखाया है तो उन्हें जल भुन जाने की कहां जरूरत हैं. उन्हे अपनी गलतियों को मानना चाहिए. वो जिस गोपनीयता की बात करते है, तो उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि दूसरी और सोचने के अधिकार की बात भी आती हैं. जिन्हें आम आदमी जानना चाहता हैं. इस तरह विकीलीक्स अगर भ्रष्ट भारतीय नेताओं की भी पोल खोल दे तो बहुत अच्छा होगा. विकीलीक्स ने स्वस्थ पत्रकारिता की मिसाल दी हैं.

माधव शर्मा, नोखा जोधा, नागौर, राजस्थान

संकलन : कवलजीत कौर

संपादन : एस गौड़