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विवादों के बावजूद पीछे नहीं हटी पत्रिका

समरा फातिमा८ जनवरी २०१५

पेरिस में व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दॉ के संपादकीय कार्यालय पर हमले के बाद इंटरनेट पर एकजुटता जताने वाले संदेशों की बाढ़ आ गई. यह पत्रिका सालों से कड़े विरोध के बीच भी धर्म की आलोचना करने वाले प्रकाशन से पीछे नहीं हटी.

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Charlie Hebdo Satiremagazin Cover vom 7. Januar
तस्वीर: B. Guay/AFP/Getty Images

फ्रांस की व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दॉ को हमेशा से अपने भड़काऊ कार्टूनों और तस्वीरों के प्रकाशन के लिए जाना गया है. पत्रिका की 75,000 कॉपियों से ज्यादा की बिक्री होती है. यहां करीब 20 लोग काम करते हैं. साल 2006 में इसी पत्रिका ने फ्रांस में पैगंबर मुहम्मद का विवादास्पद कार्टून छापा था.

फ्रांस में धार्मिक व्यंग्य पर हिंसा की यह एकलौती घटना नहीं है. हाल में कॉमिक बुक 'द लाइफ ऑफ मुहम्मद' के प्रकाशन पर भी पत्रिका का भारी विरोध हुआ. प्रधान संपादक को मुस्लिम समुदाय से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा. उन्हें पुलिस सुरक्षा तक देनी पड़ी. कई दिनों पर पत्रिका की वेबसाइट पर हैकरों का हमला होता रहा और संपादकीय स्टाफ को धमकियां मिलती रहीं.

Frankreich Paris Charlie Hebdo OHNE KARIKATUR
शार्ली एब्दॉ के प्रधान संपादक स्टीफन शाबोनिये जिन्हें इस हमले में निशाना बनाया गया.तस्वीर: dapd

शार्ली एब्दॉ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेझिझक प्रकाशन के लिए जाना जाता है. कई आलोचक इसे पाठकों की संख्या बढ़ाने का पैंतरा भी मानते हैं. साल 1981 से 1992 के बीच पाठकों की कमी के कारण पत्रिका को बंद करना पड़ा था. इस पत्रिका की शुरुआत 1970 में पहले से चली आ रही व्यंग्य पत्रिका 'हाराकिरी' की विरासत को आगे बढ़ाने के मकसद से हुई. हाराकिरी को कई बार आपत्तिजनक सामग्री छापने के आरोप में प्रतिबंधित किया गया था.

साल 2011 में शार्ली एब्दॉ के दफ्तर को आगजनी कर नुकसान पहुंचाया गया था. लेकिन इन तमाम दबावों का भी पत्रिका पर असर नहीं पड़ा. वे उकसाने वाले और 'राजनीतिक रूप से अनुचित' सामग्री का प्रकाशन करते रहे. पत्रिका का मकसद लोगों को वर्तमान दौर में दुनिया के अहम मुद्दों पर नया नजरिया देना था.

Frankreich Presse Brandanschag gegen Charlie Hebdo in Paris
2011 के हमले के बाद स्टीफन शाबोनियेतस्वीर: picture-alliance/abaca

शार्ली एब्दॉ को कुछ मामलों में अपना बचाव करने के लिए अदालत में हाजिर होना पड़ा. जैसे कि पोप के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री छापने पर. यह मुकदमा शार्ली एब्दॉ जीत गया था. मौजूदा पोप ने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी है.

इस हफ्ते पत्रिका के संपादकीय कार्यालय पर हुए हमले में प्रधान संपादक समेत 12 लोगों के मारे जाने पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रिया आ रही है. हमले के बाद ही ट्विटर पर #CharlieHebdo ट्रेंड करने लगा. इसके अलावा #JeSuisCharlie भी ट्रेंड कर रहा है जिसका मतलब है "मैं शार्ली हूं"