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विवादों के बीच पोप पहुंचे ब्रिटेन

१६ सितम्बर २०१०

कैथोलिक ईसाइयों के धर्मगुरू पोप बेनेडिक्ट सोलहवें गुरुवार को अपने पहले ब्रिटेन दौरे पर पहुंचे. इससे पहले उनके एक सलाहकार ने ब्रिटेन को तीसरी दुनिया का देश जैसा बताया और कहा कि यह देश 'आक्रामक नास्तिकता' से ग्रस्त है.

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पहला ब्रिटेन दौरातस्वीर: AP

हालांकि कार्डिनल वाल्टर कास्पर पोप के साथ ब्रिटेन की यात्रा पर नहीं गए हैं. जर्मनी के कार्डिनल वाल्टर कास्पर ने एक जर्मन पत्रिका को दिए इंटरव्यू में ये बात कही. उनके इस बयान पर ब्रिटेन में रोष प्रकट किया गया है. पोप की ब्रिटेन यात्रा ऐतिहासिक मानी जा रही है. साथ ही रोमन कैथोलिक चर्च में बच्चों के यौन उत्पीडन वाले मामले को लेकर भी विवाद है.

ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि 77 साल के कास्पर को उनके बयान के कारण ब्रिटेन नहीं लाया गया जबकि वेटिकन के प्रवक्ता ने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह ब्रिटेन नहीं गए.

वेटिकन के प्रवक्ता ने कहा कि कार्डिनल किसी का भी अपमान नहीं करना चाहते थे. "उनकी टिप्पणी ब्रिटेन के बहुसंस्कृतीय समाज के बारे में थी. ब्रिटेन धर्मनिरपेक्ष और बहुलतावादी देश है." कार्डिनल ने जर्मन पत्रिका फोकस से बातचीत में कहा, "जब आप हीथ्रो एयरपोर्ट पर उतरते हैं तो आपको लगता है कि आप किसी तीसरी दुनिया के देश में उतरे हैं." यह पूछने पर कि क्या ब्रिटेन में ईसाई लोगों के साथ भेदभाव होता है तो उनका कहना था, "हां खासकर ब्रिटेन में एक नई आक्रामक नास्तिकता फैली है. उदाहरण के लिए अगर आप ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान में क्रॉस पहनते हैं तो आपके साथ भेदभाव किया जाता है."

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तस्वीर: AP

बुधवार देर रात लंदन और वेल्स के लिए कैथोलिक चर्च के प्रमुख आर्कबिशप विंसेंट निकोल्स ने कहा, "इन टिप्पणियों पर कुछ नहीं कहा जा सकता. मैं नहीं जानता कि वह क्या कह रहे हैं." चर्च की प्रवक्ता ने कहा कि कास्पर की टिप्पणियां निजी हैं और वे कैथोलिक विचार नहीं हैं.

इस तरह के बयान ब्रिटेन में पोप के खिलाफ भावनाओं को और गहरा कर सकते हैं. पहले ही कई समूह उनकी यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा कर चुके हैं. पोप बेनेडिक्ट पर कैथोलिक पादरियों के उत्पीडन का शिकार हुए लोगों से मिलने का दबाव लगातार बढ़ रहा है. वह स्कॉटलैंड और इंग्लैंड की चार दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को पहुंचने वाले हैं. बचपन में उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों के लिए बने राष्ट्रीय संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर सॉन्डर्स का कहना है, "हम चाहते हैं कि पोप कहें कि बच्चों के साथ दुर्व्यव्हार करने वाले पादरियों के बारे में पूरी जानकारी मैं दे दूंगा, वे पादरी अब दुनिया में चाहे जहां भी हों."

चर्च और सरकारी संस्थाओं ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि पोप इन पीड़ितों से मिलेंगे या नहीं. ब्रिटेन में इस बात पर भी गुस्सा है कि पोप राजकीय यात्रा पर आ रहे हैं और इसलिए उनकी यात्रा का खर्च 3 करोड़ डॉलर बैठ रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एस गौड़

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