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पुराने अंदाज में नई वीडियो गेम

२४ जून २०१५

कई लोग आज भी पुराने जमाने की पैकमैन और रोड रनर जैसी वीडियो गेम खेलने पसंद करते हैं. इन्हें लुभाने के लिए अब गेम निर्माता नई गेम्स को भी पुराने अंदाज में पेश कर रहे हैं.

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Screenshot Tetris
तस्वीर: Nintendo

बर्लिन में हुए गेम्सवीक में इस बार सबसे लोकप्रिय रही रेट्रो गेम्स, वे भी तीस साल पुरानी. गेम को हैंडल करना आसान नहीं है और ग्राफिक्स बिल्कुल पुराने स्टाइल के हैं. इसके बावजूद लोगों ने इन पर अपने हाथ आजमाए और वह भी पूरे जोश के साथ. बर्लिन के गेम डेवलपर योहानेस किर्स्टमन बताते हैं, "यह पुराने फर्नीचर जैसा है, जिसके बारे में आप सोचते हैं कि बस अब मैं इसे अपने लिविंग रूम में नहीं रखूंगा क्योंकि वह बहुत बड़ा है, बहुत भारी है. लेकिन फिर भी आपको वह पसंद है, आप उसकी कारीगरी को निहारते रहते हैं." एक साल पहले योहानेस किर्स्टमन और उनके साथी रिआद जेमिली ने अपनी नौकरी छोड़ी और खुद की कंपनी शुरू की. उनकी पहली गेम का नाम है द क्यूरियस एक्सपीडिशन. यह गेम कुछ ही महीने पहले बनाई गयी है लेकिन ग्राफिक्स को देख कर ऐसा लगता है जैसे नब्बे के दशक की कोई गेम हो. गेम का प्लॉट 19वीं सदी का है. गेम खेलने वाला व्यक्ति एक अभियान पर निकला है. वो दूर दराज के देश खोजता है और इस दौरान उसे नए नए चैलेंज मिलते हैं. कभी उसे अनजान लोगों का सामना करना होता है, तो कभी प्राकृतिक आपदाओं का.

नहीं कहलाएगी आउटडेटेड

गेम के लैंडस्केप को तैयार करने के लिए कुछ ही पिक्सल्स की जरूरत पड़ी. योहानेस किर्स्टमन बताते हैं, "हमारी गेम बहुत जल्दी आउटडेटेड नहीं कहलाएगी क्योंकि इसके पास तो पहले से ही पुराना लुक है. इसलिए हम उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले पांच या दस सालों में भी यह चलन में रहेगी. जबकि आज कल तो ऐसा हो गया है कि कोई नई गेम बाजार में आती है और छह महीने में ही वो पुरानी हो जाती है." गेम का पूरा कॉन्सेप्ट पुराने जमाने की वीडियो गेम्स पर ही आधारित है. पुरानी एडवेंचर गेम्स की तरह यहां भी बहुत सारा टेक्स्ट है और कई पेचीदा चैलेंज हैं. अगर प्लेयर मर जाता है, तो गेम वहीं से आगे नहीं बढ़ती, बल्कि दोबारा से शुरू होती है. रिआद जेमिली का गेम के बारे में कहना है, "यह एक पेचीदा गेम है. आपको कुछ घंटे तो इसे समझने में ही लगेंगे. यह आपको पुरानी मुश्किल गेम्स की याद दिलाता है और यही इसका सबसे बड़ा आकर्षण है. आप खूब संघर्ष करते हैं और फिर विफल हो जाते हैं. हमारी गेम में आप कई तरह से हार सकते हैं, यही बात इसे दिलचस्प बनाती है."

रेट्रो से अब तक

रेट्रो का नाम उन गेम्स को दिया जाता है जो बीस साल से ज्यादा पुरानी हों. 1972 में बनी "पौंग". इसके कुछ समय बाद स्पेस इनवेडर्स का जमाना आया. इसमें पहली बार गोलियां चलाई जा सकती थी. गेम डेवलपमेंट की दुनिया में यह एक बड़ा कदम था. फिर 1983 में आया मारियो. इसने पूरी दुनिया में उछल कूद वाली गेम्स का चलन चला दिया. और फिर आई रोमांच से भरी मंकी आइलैंड. नब्बे के दशक में बेहतरीन ग्राफिक्स के कारण इसे खूब पसंद किया जाने लगा.

आज भी डेवलपर इसके लुक को याद करते हुए ग्राफिक्स पर काम करते हैं. मिसाल के तौर पर 2009 में आई गेम माइनक्राफ्ट की साढ़े पांच करोड़ से भी ज्यादा प्रतियां बिकीं और अब इसे दुनिया के सबसे ज्यादा खेली जाने वाली वीडियो गेम में गिना जाता है. और इस कामयाबी की वजह हैं इसके ग्राफिक्स. कंप्यूटर गेम एक्सपर्ट आंद्रेआस लांगे बताते हैं, "पुरानी वीडियो गेम्स ऐसे वक्त में लोकप्रिय हुई, जब कंप्यूटर तकनीक का विस्तार शुरू ही हुआ था. पहले कंप्यूटर के साथ इन ग्राफिक्स के बारे में जानकारी मिली. और आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं, तो हमें समझ आता है कि ये डेवलपमेंट कितना जरूरी था. यह डिजिटल रेवोल्यूशन की शुरुआत थी और और ये रेट्रो ग्राफिक केवल गेम्स के लिहाज से ही नहीं, बल्कि पूरी कंप्यूटर तकनीक के लिए ही अहम रहे हैं."

कला जगत में भी ये रेट्रो गेम्स अपनी जगह बना चुके हैं. बर्लिन के गेम्स वीक में जगह जगह कैनवस पर एट-बिट-ग्राफिक्स देखे गए. सालों पुराने निनटेंडो से गेम डेवलपर भविष्य के लिए प्रेरणा ले रहे हैं.

आंत्ये बिंडर/आईबी