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वीडियो: साइबेरिया में मीथेन के हजारों बुलबुले

२४ मार्च २०१७

ऊपर घास है और भीतर मीथेन गैस के करीब 7,000 बुलबुले. साइबेरिया ने बुलबुलों ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया.

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Nelson`s column in London
तस्वीर: AFP/Getty Images/J. D. McHugh

उत्तरी साइबेरिया में वैज्ञानिकों को गैस के बड़े बुलबुले मिले हैं. बुलबुले घास के नीचे हैं और पैर रखने पर दबने लगते हैं. वैज्ञानिक इन्हें "ट्रेबलिंग टुंड्रा" कहते हैं. यह बुलबुले एक बम की तरह हैं. लगातार आकार बढ़ने के बाद एक वक्त आता है जब वे फट जाते हैं और अपने पीछे विशाल गड्ढा छोड़ जाते हैं.

  

वैज्ञानिकों के मुताबिक भूगर्भीय गतिविधियों के चलते धरती से मीथेन गैस का रिसाव होता है. यह गैस पृथ्वी की बाहरी सतह के नीचे मौजूद खोखली जगह तक पहुंचती है और वहां बुलबुले का आकार लेने लगती है. 2014 में वैज्ञानिकों को बेली द्वीप पर पहली बार मीथेन का बुलबुला मिला था. शुरुआत में 15 बुलबुलों की जानकारी मिली. लेकिन अब पता चला है कि वहां करीब 7,000 बुलबुले हैं.

एक बड़े बुलबुले के फूटने पर बम से भी तेज आवाज होती है. चार साल पहले फटे एक बुलबुले का धमाका 100 किलोमीटर दूर तक सुनाई पड़ा. एक झटके में इतनी ज्यादा मीथेन वातावरण में रिलीज होने से कुछ देर तक आसमान भी जगमगा उठा.

(अंटार्कटिका की दुलर्भ तस्वीरें और जानकारी)