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वीरू को नो बॉलः रणदीव और संगकारा घेरे में

१७ अगस्त २०१०

वीरेंद्र सहवाग को शतक से रोकने के लिए रणदीव ने भले ही नो बॉल फेंक दी हो लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह मामला इतना बढ़ जाएगा. सहवाग और टीम इंडिया नाराज है और अब श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा पर भी सवाल उठ रहे हैं.

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तस्वीर: AP

भारत की जीत के साथ मैच खत्म हुआ लेकिन दोनों टीमों में तल्खी बन गई. खेल भावना के विपरीत रणदीव के एक कदम ने उनकी टीम को बैकफुट पर धकेल दिया और कप्तान कुमार संगकारा को इस पर सफाई देनी पड़ी. संगकारा ने कहा, "मुझे इस बात का पता नहीं था कि वीरेंद्र सहवाग शतक के पास पहुंच रहे हैं. लेकिन उन्होंने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की. वह शतक के हकदार थे." हालांकि संगकारा के इस बयान पर आश्चर्य होता है क्योंकि स्टेडियम के चारों ओर विशालकाय स्कोरबोर्ड पर लिखा था कि वीरेंद्र सहवाग 99 रन बना कर खेल रहे हैं.

वीरेंद्र सहवाग आम तौर पर ऐसे मुद्दों को हवा नहीं देते और पता नहीं कितनी बार 99 रन पर जोखिम भरे शॉट खेल चुके हैं. लेकिन खेल भावना से खिलवाड़ पर वह आहत थे. उन्होंने कहा कि यह अच्छा क्रिकेट नहीं है और उन्हें नहीं पता कि क्या रणदीव ने इस मुद्दे पर कप्तान या किसी और से सलाह ली थी.

Indien Cricket Kumar Sangakara
तस्वीर: AP

कुमार संगकारा ने पहले तो इस मामले को हल्के में उड़ा देना चाहा. लेकिन जब यह तूल पकड़ने लगा तो उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर रणदीव से बात करेंगे. संगकारा ने कहा, "वह इस तरह का क्रिकेटर नहीं है. अगर टीम के किसी सदस्य ने उन्हें ऐसा करने को कहा होगा तो मैं पूछूंगा. मैं इस मामले को सख्ती से लूंगा."

श्रीलंका के कप्तान ने भी माना कि यह क्रिकेट के उसूलों के खिलाफ है. उन्होंने कहा, "आज के मैच में सबसे अहम फैक्टर सहवाग ही थे."

इन सबके बीच क्रिकेट से जुड़ा एक तकनीकी सवाल रह गया. रणदीव के नो बॉल फेंकने के साथ ही भारत की जीत हो गई और सहवाग का छक्का नहीं गिना गया. लेकिन यह नो बॉल सहवाग के खाते में जुड़ा और रिकॉर्ड के लिहाज से यह उनके खेले गए गेंद में जोड़ा गया. अगर उन्होंने यह गेंद खेली तो उस पर बने रन उन्हें क्यों नहीं मिले.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन