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वेटलिफ्टिंग कोच मल्होत्रा ने खारिज किए आरोप

२५ जुलाई २०१०

भारत के निलंबित वेटलिफ्टिंग कोच रमेश मल्होत्रा ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को गलत बताया है. ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली कर्णम मल्लेश्वरी ने यह आरोप लगाया है.

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कर्णम मल्लेश्वरीतस्वीर: AP

भारतीय भारोत्तोलन संघ (आईडब्ल्यूएफ) ने कोच मल्होत्रा को इस साल के द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामांकित किया है. लेकिन मल्लेश्वरी के आरोपों के बाद शनिवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया.

मल्लेश्वरी का कहना है कि मल्होत्रा दस साल से जूनियर वेटलिफ्टरों का यौन शोषण करते रहे हैं. जवाब में मल्होत्रा ने कहा है कि इन आरोपों की सच्चाई के बारे में उन लड़कियों से पूछा जाना चाहिए जिन्होंने उनसे कोचिंग ली है.

मल्होत्रा ने कहा, "मल्लेश्वरी ने बतौर कोच मेरे 26 साल के करियर पर धब्बा लगाया है. लेकिन मैं चुप नहीं बैठूंगा. मैं अपनी प्रतिष्ठा के लिए संघर्ष करूंगा. मल्लेश्वरी सोचती है कि वह अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि के कारण मुझे अलग थलग कर सकती हैं. मैं उन्हें गलत साबित करके रहूंगा."

मल्लेश्वरी के आरोपों का आधार मल्होत्रा के साथ फोन पर हुई उनकी बातचीत के अंश हैं. इस पर मल्होत्रा का कहना है कि बातचीत को छोटे टुकड़ों टुकड़ों में सार्वजनिक किया गया है जिससे यह गलत संदेश गया है.

उन्होंने कहा, "उन्होंने अपनी जरूरत के हिसाब से बातचीत के अंशों को पेश किया है. अगर उन्हें पूरा विश्वास है तो फिर वह पूरी बातचीत को सार्वजनिक क्यों नहीं करतीं ताकि सब को सच्चाई का पता चले."

भारोत्तलन संघ ने मल्होत्रा पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक तीन सदस्यों वाली कमेटी बनाई है जिसमें आईडब्ल्यूएफ के उपाध्यक्ष कुंबासी सुब्रामन्या, वरिष्ठ कोच पाल संधु और साझा सचिव मदन लाल सालवी शामिल हैं.

जब मल्होत्रा से पूछा गया कि मल्लेश्वरी ने खास तौर से उन्हीं पर आरोप क्यों लगाए हैं तो उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह हो सकती है कि 2004 के ओलंपिक खेलों के लिए उन्होंने मल्लेश्वरी की बजाय दूसरे वेटलिफ्टरों का समर्थन किया था. मल्होत्रा ने कहा कि अगर वह दोषी पाए गए तो कार्रवाई के लिए तैयार हैं. उनके मुताबिक, "लेकिन अगर मैं निर्दोष साबित हुआ तो फिर मेरे ऊपर आरोप लगाने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़