1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

वेनेजुएला ने कहा समाजवाद को बाय

७ दिसम्बर २०१५

दुनिया का सबसे ज्यादा तेल वाला देश वेनेजुएला इतिहास के अहम मोड़ पर है. मतदाताओं ने संसदीय चुनावों मेंआर्थिक मुश्किलों और महंगाई के लिए समाजवादियों को सजा दी है. विपक्ष की जीत के बाद समाजवादी परीक्षण दम तोड़ रहा है.

https://p.dw.com/p/1HIqY
Venezuela Wahlen Feier Wahlsieg Opposition MUD
तस्वीर: Reuters/N. Doce

वेनेजुएला की समाजवादी पार्टी 16 साल के बहुमत के बाद चुनाव हार गई है. विपक्ष को 167 सीटों वाली संसद में 99 सीटें मिली हैं. सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को सिर्फ 46 सीटें मिली हैं. 2008 में गठित विपक्षी मोर्चे "मेसा डे ला उनीडाड डेमोक्राटिका" के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है. राष्ट्रपति निकोलास मादुरो ने हार मान ली है लेकिन इस चुनावी हार के बाद उन्हें विपक्षी पार्टियों के साथ समझौते के लिए तैयार रहना होगा. हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षक इस बात की ओर ध्यान दिलाते हैं कि सबसे पहले यह देखना होगा कि अलग अलग विचारधाराओं वाला यह गठबंधन संसद में एकता दिखा पाता है या नहीं.

विपक्षी नेताओं में एक हेनरिक काप्रिलेस मिरांडा प्रांत के गवर्नर हैं और राष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुके हैं. काप्रिलेस का कहना है, "एक मुल्क है जो बदलाव चाह रहा है." विपक्ष का कहना है कि इस चुनाव में उन नीतियों को चुना गया है जिसका प्रस्ताव विपक्ष देता रहा है. चुनाव में 74.25 प्रतिशत मतदाताओं ने हिस्सा लिया. विपक्षी मोर्चे का लक्ष्य राष्ट्रीय विभाजन को खत्म करना और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना है. दोनों पक्षों ने संसदीय चुनावों को समाजवादी प्रोजेक्ट पर जनमत सर्वेक्षण बना दिया था. राष्ट्रपति मादुरो ने बिना किसी लाग लपेट के कहा, "आज प्रतिक्रांति की जीत हुई है."

Venezuela Wahlen Feier Wahlsieg Opposition MUD
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Robayo

चुनाव प्रचार के दौरान राष्ट्रपति निकोलास मादुरो ने विपक्ष की जीत की स्थिति में देश के गरीब लोगों के हित में चलाई जा रही समाजवादी नीतियों की समाप्ति की चेतावनी दी थी. प्रेक्षकों को डर है कि 200 प्रतिशत की महंगाई और जरूरी सामानों की कमी झेल रहे वेनेजुएला में आने वाले समय में हिंसक प्रदर्शन हो सकते हैं. वेनेजुएला में दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार है लेकिन जब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें गिरी हैं उसके लिए सामाजिक परियोजनाओं पर खर्च करना मुश्किल हो गया है.

2013 में इस बीच मृत राष्ट्रपति हूगो चावेज ने बोलिवार क्रांति की घोषणा की थी और तेल से होने वाली आमदनी से सामाजिक परियोजनाएं शुरू की थीं. इस बीच अर्जेंटीना में राष्ट्रपति चुनावों में अनुदारवादी मॉरिसियो माकरी की जीत के बाद वेनेजुएला के चुनावों में अनुदारवादियों का जीत का सिलसिला शुरू हो गया लगता है. हूगो चावेज के 16 साल के शासन में पूरे लैटिन अमेरिका में वामपंथी रुझान दिखा था, लेकिन अब दक्षिणपंथी रुझान की शुरुआत हो रही है.

एमजे/आईबी (डीपीए)