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शरणार्थियों के बंटवारे पर यूरोप में बहस

१७ फ़रवरी २०१६

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जाँ क्लोद युंकर का कहना है कि इतिहास शरणार्थी संकट में मैर्केल के प्रयासों को याद रखेगा. ईयू शिखर भेंट में शरणार्थियों के बंटवारे के साथ साथ ब्रिटेन का अलग होना अहम मुद्दा रहेगा.

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Deutschland Regierungserklärung Angela Merkel im Bundestag
तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

जर्मन अखबार बिल्ड को दिए इंटरव्यू में युंकर ने कहा कि शरणार्थी संकट से निपटने में यूरोप प्रगति कर रहा है और चांसलर अंगेला मैर्केल की कोशिशें सराहनीय हैं. उन्होंने कहा कि कड़ी आलोचना के बीच भी मैर्केल दूरदर्शी योजनाएं बनाने में सफल रही हैं. उन्होंने कहा, "इतिहास ही इस बात को साबित करेगा कि मैर्केल और उनकी उदारवादी शरणार्थी नीति कितनी सही है."

मैर्केल शरणार्थियों का यूरोपीय देशों में बंटवारा करने के लिए सरकारों को मनाने की कोशिशों में लगी हैं लेकिन वक्त के साथ साथ उनका समर्थन कम होता जा रहा है. युंकर ने इस पर कहा, "मैंने उनके साथ मिल कर जो शरणार्थी नीतियां बनाई हैं, वे कायम रहेंगी. हमें राजनीतिक शक्ति दिखानी होगी और कहना होगा कि हां, हम यह कर सकते हैं. इसके अलावा और कुछ भी जनवादी सोच के आगे घुटने टेकने जैसा होगा."

युंकर ने मैर्केल की तुलना पूर्व जर्मन चांसलर हेल्मुट कोल से भी की, जिनके कार्यकाल में बर्लिन की दीवार गिरी, "मैं हेल्मुट कोल की एकीकरण की दूरदर्शिता के बारे में सोच रहा हूं. इतिहास ने साबित कर दिया है कि वे सही थे और वही मैर्केल को भी सही साबित करेगा."

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ब्रिटेन ने बढ़ाई चिंता

गुरूवार को होने वाले ईयू शिखर सम्मेलन में शरणार्थियों का मुद्दा अहम रहेगा. इसके अलावा ब्रिटेन पर भी सबकी नजरें रहेंगी, जो लगातार यूरोपीय संघ से अलग होने की ओर इशारा कर रहा है. साथ ही ब्रसेल्स में दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में आतंकवाद और सुरक्षा पर भी चर्चा होगी. ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अधिक स्वायत्तता की मांग कर रहा है, जिसका यूरोप के अधिकतर देश विरोध कर रहे हैं. फ्रांस ने साफ तौर पर कहा है कि वह ऐसे किसी फैसले का समर्थन नहीं करेगा जिसके चलते ब्रिटेन के वीटो अधिकार बढ़ जाएं.

कैमरन मैर्केल की शरणार्थी नीति के समर्थक भी नहीं हैं. ब्रिटेन के अलावा पूर्वी यूरोप के अधिकतर देश मैर्केल के खिलाफ नजर आ रहे हैं और यूरोपीय फैसले के बावजूद और शरणार्थियों को लेने के लिए तैयार नहीं हैं. मैर्केल चाहती हैं कि तुर्की पहुंचे शरणार्थियों को यूरोप के अलग अलग देशों में उनकी क्षमता के अनुसार बांटा जाए. मैर्केल पर तुर्की की ओर से भी दबाव है, जो लगातार देश में बढ़ती शरणार्थियों की संख्या को ले कर शिकायत कर रहा है. तुर्की में फिलहाल 27 लाख शरणार्थी मौजूद हैं. इनमें से अधिकतर सीरिया के गृह युद्ध से भाग कर वहां पहुंचे हैं.

ब्रसेल्स में होने वाले शिखर सम्मेलन में सभी 28 सदस्य देशों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे. लेकिन इससे पहले मैर्केल यूरोपीय संघ के नौ राष्ट्राध्यक्षों के साथ अलग से बैठक करेंगी. इस बैठक में तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू भी मौजूद होंगे.

ब्रसेल्स जाने से पहले बुधवार को मैर्केल ने संसद में कहा कि सम्मेलन में उनकी कोशिश ईयू को यह समझाना होगी कि तुर्की का साथ दिए बिना शरणार्थी संकट से निपटा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि सीरिया के हालात बर्दाश्त नहीं किए जा सकते और जरूरी है कि एक उड़ान निषिद्ध क्षेत्र निर्धारित किया जाए, जहां कोई भी बमबारी नहीं करेगा. साथ ही ब्रिटेन पर उन्होंने कहा कि यह देश के अपने हित में है कि वह ईयू से अलग होने के बारे में ना सोचे.

आईबी/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)