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शरणार्थी संकट से जूझता यूरोप

१ मार्च २०१६

यूरोपीय संघ के सदस्यों द्वारा शरणार्थी संकट से निबटने की कोशिशों के बीच ग्रीस और मेसेडोनिया की सीमा पर शरणार्थियों ने फिर से प्रदर्शन किया है. जर्मनी में शरणार्थियों की मदद के लिए लोग ज्यादा चंदा दे रहे हैं.

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Grenze Griechenland Mazedonien Flüchtlinge
तस्वीर: L. Gouliamaki/AFP/Getty Images

ग्रीस की सीमा चौकी इजोमेनी मंगलवार को एक बार फिर शरणार्थियों के प्रदर्शन की गवाह बनी. सोमवार को सीमा बंद किए जाने के मेसेडोनिया के फैसले के विरोध में हजारों शरणार्थियों ने प्रदर्शन किया था और बाड़ को तोड़ने की कोशिश के बाद पुलिस ने आंसू गैल के गोले छोड़े. मंगलवार दोपहर करीब 100 युवा शरणार्थियों ने इकट्ठा होकर सीमा चौकी खोलने की मांग की और नारे लगाए. राहत संगठनों के अनुसार वहां करीब 8,000 लोग जमा हैं, लेकिन किसी उपद्रव की खबर नहीं है.

खाली कराया कैंप

उधर प्रभावित लोगों के विरोध के बीच फ्रांस के कैले शहर में शरणार्थी शिविर का एक हिस्सा खाली कराया जा रहा है. पहले दिन पुलिस के साथ शरणार्थियों की झड़प के बाद सोमवार की रात अपेक्षाकृत शांति रही. स्थानीय मीडिया ने मंगलवार को आगजनी की रिपोर्ट दी है. दो आप्रवासियों को गिरफ्तार किया गया है. इलाके के अंडर प्रिफेक्ट विंसेंट बैर्तों ने कहा है कि और इलाके को खाली कराया जाएगा. सोमवार को पुलिस सुरक्षा में कैंप के एक हिस्से को खाली कराने की शुरुआत हुई. शुरू में स्थिति शांति थी, लेकिन बाद में झड़पों की खबर आई. विरोध कर रहे लोगों ने कुछ तंबुओं में आग लगा दी. पुलिस ने उन्हें तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.

Grenze Griechenland Mazedonien Flüchtlinge
तस्वीर: DW/D. Tosidis

अधिकारियों की इस कार्रवाई से करीब 1,000 लोग प्रभावित हैं. उन्हें कैले का जंगल कहे जाने वाले इलाके से हटाकर दूसरी जगह ले जाया जा रहा है. राहत संगठनों का अनुमान है कि इससे कहीं ज्यादा लोग प्रभावित हैं. कैले में सालों में ऐसे लोग जमा होते रहे हैं जो अवैध रूप से ब्रिटेन जाना चाहते हैं. ब्रिटेन जाने और आसानी से वहां रहने की उम्मीद में वे फ्रांस में शरण का आवेदन नहीं देते हैं. अधिकारियों के अनुसार काले में इस समय करीब 4,000 शरणार्थी स्लम जैसी स्थिति में रह रहे हैं.

वापस भेजने की संधि

इस बीच जर्मन गृह मंत्री थोमस डे मेजियेर ने मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया के साथ तय किया है कि इन देशों के जिन लोगों का शरण का आवेदन ठुकरा दिया गया है उन्हें जल्द वापस भेजा जा सकेगा. एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्यूनीशिया के 20 लोगों को वापस भेजा जाएगा और वापसी की प्रभावकारी सस्टम की जांच की जाएगी. मोरक्को और अल्जीरिया के साथ भी ऐसी ही सहमति हुई है.

Infografik Tote im Mittelmeer Englisch

मोरक्को के साथ यह भी तय हुआ है कि वापस भेजे जाने वाले मोरक्को के नागरिकों की पहचान तय करने के लिए अंगुलियों के निशान भेजे जाने के 45 दिन के अंदर रबात की सरकार इसके बारे में जवाब दे देगी. इसके विपरीत ट्यूनीशिया में अभी सिर्फ एक पायलट प्रोजेक्ट कर प्रक्रिया को परखने की बात तय हुई है. उसके बाद नियमित रूप से ठुकराए गए शरमारिथियों को वापस भेजने की संधि होगी. जर्मनी उन्हें वापस भेजने का खर्च उठाएगा. 2015 में इन देशों से हजारों शरणार्थी जर्मनी पहुंचे हैं लेकिन उनके शरण पाने की संभावना नहीं है.

इस बीच जर्मनी में शरणार्थियों के समेकन पर चल रही बहस के बीच लोगों ने रिकॉर्ड मात्रा में चंदा दिया है. पिछले साल उन्होंने सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक मदों के लिए 5.5 अरब यूरो का चंदा दिया. पिछले साल के मुकाबले करीब 12 प्रतिशत ज्यादा है. इतना ही नहीं करीब आधी जर्मन आबादी (47 प्रतिशत) ने देश में शरणार्थियों की मदद के लिए काम किया है. हर साल होने वाले सर्वे के ताजा संस्करण के अनुसार चंदा देने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है. पिछले साल 2.27 करोड़ लोगों ने परोपकारी संस्थाओं को औसत 37 यूरो का चंदा दिया.

एमजे/आरपी (डीपीए, केएनए)