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शांति और सब्र को ऑपरेशन से अलग किया जाएगा

३० मई २०१०

बैंगलोर में नाइजीरिया की जुड़वां बच्चियों को ऑपरेशन के ज़रिए अलग किया जाएगा. ये पेट से जुड़ी हुई हैं और इनका यकृत और आंतें एक हैं. इसे अलग करना एक जटिल प्रक्रिया है. डॉक्टर बैंगलोर में अगले महीने इनकी सर्जरी करेंगे.

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तस्वीर: AP

नाइजीरिया की इन जुड़वां बच्चियों का नाम, पीस और पेशंस यानी नाम शांति और धैर्य हैं. पेट से जुड़ी इन जुड़वां बहनों का 24 डॉक्टरों की एक टीम बैंगलोर के नारायण हृदयालय अस्पताल में ऑपरेशन करेगी. यह जानकारी शिशु विशेषज्ञ डॉक्टर एशले डीक्रूज़ ने दी. ओम्फेलोपेगस जुड़वां बच्चियों का यकृत और आंते भी जुड़ी हुई हैं और उनका वज़न दस किलो है.

दो साल पहले आठ हाथों वाली लक्ष्मी का भी यहां सफलता पूर्वक ऑपरेशन किया गया था जिससे आज उसे एक सामान्य ज़िंदगी मिल सकी है. डॉक्टर डीक्रूज़ ने बताया, "हमारी शुरुआती जांच से ये सामने आया है कि उनकी आंतरिक अंग संरचना बहुत ही जटिल है." इससे ऑपरेशन एक बड़ी चुनौती बन गया है.

डॉक्टर ने कहा, "उनका लीवर बीच में जुड़ा हुआ है लेकिन उसको खून अलग अलग पहुंचता है. इस ऑपरेशन में लीवर को दो अलग अलग हिस्सों में बांट दिया जाएगा, इससे दोनों ठीक ठाक हिस्सा मिल जाएगा. "

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मेलबर्न में दो बांग्लादेशी बच्चियों को सर्जरी से अलग किया गयातस्वीर: AP Photo/Royal Children's Hospital Melbourne/DW Fotomontage

डॉक्टर ने पित्त वाहिनी और आंतड़ियों के बारे में कहा कि उसे कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है. इसी तरह से बाकी हिस्सों को भी आधा आधा करके दोनों में बांटा जाएगा. "ऑपरेशन में कई घंटे लग सकते हैं क्योंकि सर्जरी के दौरान क्या हालात पैदा होते हैं कहा नहीं जा सकता. इससे ऑपरेशन में देरी लग सकती है."

हालांकि अभी ऑपरेशन की तारीख तय नहीं की गई है क्योंकि कुछ टेस्ट होने बाकी हैं. ऑपरेशन के दौरान सबसे ज़रूरी है शरीर का तापमान बनाए रखना. क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि अगर ऑपरेशन के दौरान शरीर का तापमान कम हो जाता है तो कई प्रणालियां काम ही नहीं करेंगी.

पेट की पूरी प्रणाली जब ठीक से बन जाएगी और जब वे पूरी तरह से ठीक होंगी तो ये बच्चियां घर जा सकती हैं. इसमें 3 से 4 हफ्ते लग सकते हैं. डॉक्टर ने कहा कि ऐसे ऑपरेशन 30 प्रतिशत मामलों में घातक हो सकते हैं.

चिकित्सकीय इतिहास में चांग और एंग जुड़वां बच्चों का मामला बहुत मशहूर है. ये दोनों छाती के हिस्से में एक दूसरे जुड़े हुए थे. 1874 में थाईलैंड में पैदा हुए ये भाई छाती के पास एक उपास्थी से जुड़े हुए थे, इन्होंने शादी भी की, सामान्य जिंदगी बिताई और दो बहनों से शादी भी की और 68 साल की उम्र तक ज़िंदा रहे.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादन ओ सिंह