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श्रीनगर में सेना का फ्लैग मार्च, सख्त कर्फ्यू

७ जुलाई २०१०

भारतीय राज्य जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में भारतीय सेनाओं ने पूरी मुस्तैदी के साथ फ्लैग मार्च किया और कर्फ्यू को सख्ती से लागू किया जा रहा है. श्रीनगर के अलावा राज्य के कुछ और हिस्सों में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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श्रीनगर-कर्फ्यू के बाद सुरक्षा बल तैनाततस्वीर: AP

राज्य सरकार के अनुरोध पर श्रीनगर में सेना की तैनाती का फैसला किया गया. मंगलवार और बुधवार की रात सेना के 17 कॉलम श्रीनगर के अलग अलग हिस्सों में तैनात हो गए. इन कॉलमों में लगभग 1,700 जवान हैं. हाल के दिनों में हिंसा भड़कने और फायरिंग में तीन लोगों की मौत के बाद तनाव काफी बढ़ गया था.

इससे पहले शहर में हालात थोड़े अच्छे हुए थे और सैलानियों का आना भी शुरू हो गया था. लेकिन बुधवार को श्रीनगर में मरघट सा सन्नाटा पसरा रहा. सभी दुकानें बंद रहीं. सुरक्षा बलों की मौजूदगी में शिकारे भी खाली खाली रहे. शहर में लगातार प्रदर्शनों को देखते हुए उमर अब्दुल्लाह की सरकार ने केंद्र से सेना की तैनाती की मांग की थी. बुधवार को उमर अब्दुल्लाह ने फोन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात की और उन्हें राज्य के कानून व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया. सूत्रों के मुताबिक अब्दुल्लाह ने मदद के लिए प्रधानमंत्री को शुक्रिया कहा.

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प्रदर्शन के दौरान हिंसातस्वीर: AP

उमर अब्दुल्लाह ने गृह मंत्री पी चिदंबरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी से भी फोन पर बात की. दिल्ली में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी की बैठक के बाद गृह सचिव जीके पिल्लई स्थिति की गंभीरता को देखते हुए श्रीनगर पहुंचे. उनके साथ सैनिक ऑपरेशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एएम वर्मा भी थे. पिल्लई ने श्रीनगर में सीआरपीएफ, राज्य पुलिस और सेना के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता भी की.

इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक में कश्मीर के हालात पर चर्चा हुई. यह तय हुआ कि कुछ ही हिस्सों में सेना की तैनाती की जाएगी. बैठक में फैसला किया गया कि सिर्फ हालात को काबू करने के लिए सेना के जवानों की तैनाती होगी.

बुधवार दोपहर जम्मू कश्मीर पुलिस ने बार काउंसिल के प्रेसीडेंट मियां कय्यूम को जनसुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया. श्रीनगर के अलावा अनंतनाग, पामपोर, पुलवामाऔर कुलगाम में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है. कुपवाड़ा और बांदीपुरा में भी कर्फ्यू लगा है. सोपोर और बारामूला में भी सेना ने गश्त किया.

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पत्थर लेकर खड़ा एक सुरक्षाकर्मीतस्वीर: AP

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा की वजह से राज्य पुलिस के कई जवान वहां तैनात हैं और इस वजह से कर्फ्यू को सख्ती से अमल में लाने के लिए सेना बुलाने की जरूरत पड़ी. प्रदर्शनकारियों की मंगलवार को कई जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई.

श्रीनगर में सेना की तैनाती पर राज्य सरकार के मंत्री और कांग्रेस नेता ताज मोहीउद्दीन ने कहा, "हमने सेना से अनुरोध किया है कि वह हमें शांति बनाए रखने में मदद करे. हमारी पहली प्राथमिकता शांति है."

शहर में पुलिस की बख्तरबंद गाड़ियों ने घूम घूम कर कर्फ्यू लगे होने का एलान किया और लोगों से अपील की कि वे अपने घरों में ही रहें. कुछ पत्रकारों को कर्फ्यू पास दिया गया था, जो रद्द कर दिया गया. मुख्यमंत्री ने भी लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और कर्फ्यू का उल्लंघन न करें. उमर अब्दुल्लाह ने कहा, "हम सख्ती से कर्फ्यू का पालन करेंगे. सरकार स्थिति को सामान्य करने की हर संभव कोशिश करेगी. हम स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक हित के लिए युवाओं को पत्थर के साथ सड़कों पर भेज रहे हैं. इसलिए हम स्थिति को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी पीडीपी ने कहा कि सेना की तैनाती के साथ राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रही है. पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की अध्यक्षता में नेताओं ने राय मशविरा किया.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः एम गोपालकृष्णन