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श्रीलंकाई मंत्री की भूख हड़ताल

८ जुलाई २०१०

श्रीलंका के आवास मंत्री विमल वीरवंश भूख हड़ताल कर रहे हैं. वह चाहते हैं कि तमिलों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराध के लिए सैनिक अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ़ संयुक्त राष्ट्र की जांच बंद की जाए.

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पुतले जले बान की मून केतस्वीर: AP

पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने एक पैनल का गठन किया था, जो श्रीलंका में समाप्त हुए गृहयुद्ध के दौरान तमिलों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराधों के बारे में उन्हें सलाह देगा. आवास मंत्री वीरवंश राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे की सरकार में शामिल अतिराष्ट्रवादी पार्टी नेशनल फ़्रीडम फ़्रंट के नेता हैं.

मंगलवार को उनके नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र पैनल द्वारा की जा रही जांच के विरोध में उनके दफ़्तर का घेराव किया था. श्रीलंका के विदेश सचिव के हस्तक्षेप के बाद वहां फ़ंसे संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों को बाहर लाया जा सका. घेराव का हथियार काम न आने के बाद अब मंत्री ने भूख हड़ताल की शरण ली है.

इस बीच कोलंबो में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने प्रदर्शनकारियों का धरना जारी है. वीरवंश ने कहा है कि अगर गुरुवार तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो एक सांसद भी भूख हड़ताल शुरू करेंगे. उन्होंने सारी दुनिया में तमिल आप्रवासियों से अपील की है कि वे संयुक्त राष्ट्र के दफ़्तरों के सामने प्रदर्शन करें.

श्रीलंका की सरकार की ओर से कहा गया है कि एक राजनयिक मिशन के रूप में संयुक्त राष्ट्र दफ़्तर की सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी, साथ ही प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार को भी मान्यता दी जाएगी. लेकिन सरकार की ओर से संयुक्त राष्ट्र के पैनल के गठन की कड़ी आलोचना की गई है.

सरकार का कहना है कि सैनिकों ने कोई अपराध नहीं किया है, इसलिए उसकी जांच भी नहीं होनी चाहिए. ऐसी जांच श्रीलंका की सार्वभौमिकता का उल्लंघन है. साथ ही कहा गया है कि गृहयुद्ध में मृतकों की संख्या बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: विवेक कुमार