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श्रीलंका को हराने के इरादे से उतरेंगी टीम इंडिया

३० मई २०१०

जिम्बाब्वे से शर्मनाक हार के बाद भारत की रिजर्व टीम को गहरा धक्का लगा है और अब उसकी कोशिश श्रीलंका को परास्त कर खोए गौरव को पाने की होगी. श्रीलंकाई टीम में भी युवा खिलाड़ियों की भरमार है जिसका नेतृत्व दिलशान कर रहे हैं.

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तस्वीर: AP

वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर ने भारत को तूफानी शुरुआत का अभ्यस्त कर दिया है लेकिन उनके स्थान पर दिनेश कार्तिक और मुरली विजय से यह उम्मीद करना थोड़ा जल्दबाजी थी. रैना, रोहित और जडेजा के फॉर्म में होने से मध्यक्रम तो मजबूत दिखाई देता है लेकिन गेंदबाजी चिंता का विषय है. जिस तरह जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की ठुकाई की उससे श्रीलंकाई बल्लेबाजों की चिंता जरूर कम हो गई होगी.

Cricketspieler Suresh Raina
तस्वीर: AP

उमेश यादव और अशोक डिंडा न सिर्फ विकेट लेने में नाकाम रहे बल्कि रन भी नहीं रोक पाए. विनय कुमार भी महंगे साबित हुए. मैच के बाद रैना ने अपनी निराशा व्यक्त करने में कोई परहेज नहीं किया.

श्रीलंका ने भी इस सीरिज में अपनी युवा टीम को उतारते हुए मुख्य खिलाड़ियों को आराम दिया है. कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने इस सीरिज में नहीं खेल रहे हैं. तिलकरत्ने दिलशान टीम का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके पास सनथ जयसूर्या, लसित मलिंगा नहीं हैं. अनुभवी मुथैया मुरलीधरन चोट के चलते बाहर हैं. वह ट्वेंटी20 वर्ल्ड कप में भी नहीं खेल पाए थे.

एंजेलो मैथ्यूज एक ऑलराउंडर के तौर पर दिलशान की टीम में तो हैं उनका साथ देने के लिए जीवन मेंडिस और बाएं हाथ के बल्लेबाज लाहिरु थिरिमाने भी हैं. उपुल तरंगा, चमारा सिल्वा और दिलहारा फर्नेन्डो को वर्ल्ड के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया था लेकिन इस त्रिकोणीय श्रृंखला में वे टीम की शोभा बढ़ा रहे हैं.

भारत और श्रीलंका के बीच फिलहाल बराबरी का नजर आ रहा है जहां युवा खिलाड़ी अपने अनुभव की कमी को जोश और जज्बे से पूरी करना चाहेंगे. लेकिन जिम्बाब्वे के मिली हार से भारत थोड़ा तनाव में जरूर है. इस सीरिज के जरिए भारत के युवा खिलाड़ियों की ताकत परखने की कोशिश की जा रही थी लेकिन अगर टीम इस तरह से हारती है तो यह शर्मिंदगी का सबब बन सकता है.

सुरेश रैना एक कप्तान के रूप में ऐसी शुरुआत की उम्मीद तो बिलकुल नहीं कर रहे थे. भले ही सुरेश रैना ने कहा हो कि वह जिम्बाब्वे हल्के में नहीं आंकते लेकिन दिल के भीतर एक विश्वास था कि वह जिम्बाब्वे को आसानी से पटखनी देने में सफल होंगे. लेकिन 10 गेंद रहते छह विकेट से मिली हार के बाद उनके आत्मविश्वास को जबरदस्त झटका लगा है.

अपने चिरपरिचित स्टारों के बगैर मैदान में उतरी टीम इंडिया को जिम्बाब्वे ने झटका देते हुए 285 रन का बेहद मुश्किल लक्ष्य भी हासिल कर लिया.

भारतीय गेंदबाज जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को बांधने में नाकाम रहे तो बल्लेबाजी भी कोई खास चमकदार नहीं थी. अगर रोहित शर्मा ने 114 रन और रवीन्द्र जडेजा ने 61 रन बनाकर पारी को नहीं संभाला होता तो भारत की हालत खराब हो सकती थी. मैच के बाद सच्चाई से रूबरू रैना ने कहा, "हमें अपनी गेंदबाजी और फील्डिंग पर काम करने की जरूरत है. श्रीलंका के खिलाफ मैच में वापसी के लिए यह जरूरी है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़