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संघर्षविराम से पहले उत्तरी सीरिया में बढ़ती लड़ाई

१५ फ़रवरी २०१६

सीरिया में शांति समाधान की कोशिशों के बीच उत्तरी सीरिया रूस और तुर्की के बीच सीधी लड़ाई का केंद्र बनता जा रहा है. रूस ने सीरियाई सेना और कुर्द मिलिशिया पर तुर्की के हमलों को उकसावा बताया है.

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Türkei erwägt die Entsendung von Bodentruppen nach Syrien
तस्वीर: picture alliance/AA/Str

सीरिया में सरकारी सेना और कुर्द ठिकानों पर तुर्की के हमलों के बाद रूस ने इसे उकसावे की कार्रवाई बताया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, "फरवरी 13 से सीमा पर तैनात तुर्की आर्टिलरी हाल में आतंकवादियों से सरकारी सैनिकों और कुर्द मिलिशिया द्वारा छीने गए इलाकों पर भारी हमले कर रही है." रूसी बयान में कहा गया है कि इन हमलों में बहुत से सामान्य लोग मारे गए हैं और ढांचागत संरचनाओं और इमारतों को क्षति पहुंची है. मॉस्को ने इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के लिए छुपा समर्थन बताया है.

मॉस्को पिछले सितंबर से सीरिया में बशर अल असद की सरकार के समर्थन में सैनिक अभियान चला रहा है और साथ ही उसने सीरियाई कुर्दों के साथ मोर्चा भी बनाया है जिसने पिछले हफ्ते मॉस्को में अपना दफ्तर खोला है. उधर तुर्की पिछले तीन दिन से कुर्द मिलिशिया के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है. उसका कहना है कि सीरिया कुर्दों के तुर्की के प्रतिबंधित कुर्द संगठन पीकेके के साथ संबंध हैं जो दशकों से तुर्क सरकार के खिलाफ लड़ रहा है. पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद अंकारा का कहना है कि वह कुर्दों पर हमले जारी रखेगा.

तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू ने इस बात का खंडन किया है कि उनकी सेना सीरिया के अंदर है, लेकिन साथ ही आरोप लगाया है कि रूस सीरिया में आतंकवादी संगठन की तरह व्यवहार कर रहा है. यूक्रेनी नेताओं से बातचीत के लिए कीव गए दावुतोग्लू ने कहा, "यदि रूस आतंकवादी संगठन की तरह व्यवहार करना और नागरिकों को भागने पर मजबूर करना जारी रखता है तो हम अत्यंत निर्णायक जवाब देंगे." उन्होंने कहा कि तुर्की सीरिया के उत्तरी शहर आजाज को कुर्द मिलिशिया के हाथों नहीं जाने देगा और यदि वे फिर से कोशिश करते हैं तो उन्हें कठोर प्रतिक्रिया का सामना करना होगा.

रूसी बमबारी और ईरान के शिया मिलिशिया की मदद से सीरिया सेना को तुर्की की सीमा के 25 किलोमीटर करीब पहुंचने में कामयाबी मिल गई है. कुर्द संगठन वाईपीजी ने स्थिति का फायदा उठाकर तुर्क सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत बना ली है. तुर्की वाईपीजी को आतंकवादी संगठन मानता है. उत्तरी सीरिया में कुर्द प्रभाव बढ़ने से तुर्की इसलिए भी परेशान है क्योंकि उसे डर है कि इससे तुर्की के कुर्द इलाकों में अलगाववादी ताकतों को बल मिलेगा. दावुतोग्लू का कहना है कि यदि वाईपीजी अलेप्पो के उत्तर में स्थित मेनाग एयरबेस पर कब्जा नहीं छोड़ता है तो तुर्की उसे काम के लायक नहीं रहने देगा. उन्होंने वाईपीजी को आफरीन से पूरब में और यूफरेट्स के पश्चिम में न बढ़ने की चोतावनी दी है.

विद्रोहियों के कब्जे वाले आजाज शहर पर स्कूल और अस्पताल पर हुए नए हमलों में कम से कम 14 लोग मारे गए हैं. जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने म्यूनिख में तय संघर्षविराम के लागू होने से पहले मॉस्को, अंकारा और कुर्द लड़ाकों से संयम बरतने की अपील की है. ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान श्टाइनमायर ने कहा, "म्यूनिख समझौते के तहत सभी पक्षों से अपील है कि वे हिंसा में फौरी कमी में योगदान दें. ये रूस के सैनिक अभियान और अलेप्पो के इलाके में सीरियाई सेना और उत्तरी सीरिया में कुर्द डेमोक्रैटिक यूनियन पार्टी की मिलिशिया वाईपीजी के लिए लागू होता है. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए तुर्की को भी संयम दिखाना चाहिए."

इसके पहले अमेरिका ने भी तुर्की और सीरियाई कुर्दों से इस्लामिक स्टेट के साझा खतरे से निबटने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की थी. तुर्की ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान पर सदमे का इजहार किया है जिसमें उसके अनुसार अंकारा और वाईपीजी के लड़ाकों को एक ही तराजू में रखा गया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबी ने दोनों से साझा दुश्मन इस्लामिक स्टेट पर ध्यान देने की अपील की थी जिसने सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है. वाईपीजी के लिए वॉशिंगटन का समर्थन तुर्की को चुभता रहा है. तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तांजू बिलजिच ने कहा कि किसी भी आतंकी संगठन से लड़ने के लिए तुर्की किसी की इजाजत नहीं मांगेगा.

एमजे/आईबी (रॉयटर्स, एएफपी)