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संसद का गठन, सरकार कार्यवाहक

२१ अक्टूबर २०१३

मंगलवार को जर्मनी की नई संसद का गठन हो रहा है, लेकिन नई सरकार तुरंत बनने के आसार नहीं दिख रहे. अगली सरकार तय होने तक चांसलर अंगेला मैर्केल की सरकार पद पर रहेगी और कार्यवाहक सरकार चलाएगी.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

जर्मन संविधान के अनुसार चुनाव के तीस दिन बाद नई संसद का गठन हो जाना चाहिए. मंगलवार को वह दिन आ गया है. जैसे ही नई संसद अपनी पहली बैठक के लिए मिलेगी, मौजूदा सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा. लेकिन अब तक चुनाव जीतने वाली चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू पार्टी को बहुमत सरकार बनाने के लिए कोई साथी नहीं मिला है. एसपीडी के साथ गठबंधन वार्ता शुरू करने का फैसला लिया गया है और यह प्रक्रिया चल रही है.

चांसलर की जिम्मेदारी

नई सरकार का गठन नहीं हुआ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जर्मनी नेतृत्व विहीन हो जाएगा. गीसेन यूनिवर्सिटी के टीमो ग्रुंडेन कहते हैं, "दरअसल शुरू में कुछ नहीं होगा." संविधान में इस स्थिति के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश हैं. यदि नई सरकार का गठन नहीं होता है तो पुरानी सरकार तब तक काम करेगी जब तक नई सरकार बन नहीं जाती.

Bundestag Abgeordnete Einzug Plenarsaal Archiv 2009
चार साल पहले नई संसद के गठन के लिए आते सांसदतस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन चांसलर और उनके मंत्रियों की जिम्मेदारी है कि वे अपना काम करते रहें. इस बीच में राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्हें पार्टियों के बीच मध्यस्थता कर एक सक्षम सरकार बनाने में योगदान देना होता है. यदि इसमें सफलता नहीं मिलती है तो वे अल्पमत सरकार बना सकते हैं या नए चुनाव कराने का निर्देश दे सकते हैं.

लेकिन शुरू में सब कुछ वैसे चलता है जैसे चल रहा था, क्योंकि कार्यवाहक सरकार की वही जिम्मेदारी और कर्तव्य होते हैं जो नियमित सरकार की होती है. वह विदेशों में जर्मनी का प्रतिनिधित्व करती है और नए अध्यादेश भी तय कर सकती है. राजनीतिशास्त्री टीमो ग्रुंडेन का कहना है कि यह सचमुच में लोकतांत्रिक नहीं है क्योंकि इस सरकार को नई संसद का विश्वास प्राप्त नहीं है. इसकी वजह से वह कानूनी तो है लेकिन लोकतांत्रिक वैधता का अभाव है.

संकट की तैयारी नहीं

अंतरिम सरकारों से यूं भी उम्मीद की जाती है कि वह महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर फैसले नहीं लेगी, जिनपर नई सरकार कोई और फैसला ले सकती है. "संदेह की स्थिति में कोई विवादास्पद पहल शुरू नहीं की जाती, क्योंकि यह पता नहीं होता कि उसके लिए संसद में बहुमत है या नहीं. यह हो सकता है कि संसद सरकार के फैसले को खारिज कर दे."

Merkel Gabriel Sondierungsgespräch
मैर्केल और गाब्रिएल के बीच नई सरकार की बातचीततस्वीर: picture-alliance/dpa

इसलिए बहुत से लोगों को यह बात नागवार गुजरी है कि अंगेला मैर्केल ने अपने मौजूदा शासन के अंतिम दिनों में यूरोपीय स्तर पर पर्यावरण के मुद्दे पर हड़बड़ी दिखाई है. उनकी वजह से यूरोपीय संघ में कारों के उत्सर्जन के कड़े नियम फिलहाल लागू नहीं हुए हैं. टीमो ग्रुंडेन इसमें कोई समस्या नहीं देखते. वे कहते हैं कि यह चांसलर का कर्तव्य और अधिकार है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर जर्मनी के हितों का प्रतिनिधित्व करें.

जर्मनी में गठबंधन की सरकारें बनती रही हैं. यहां संसद के चुनाव और सरकार के गठन के बीच में हमेशा से एक ऐसी छोटी अवधि रही है जिसमें कार्यवाहक सरकार शासन में थी. जब तक महत्वपूर्ण फैसले नहीं लेने हैं, कोई समस्या नहीं है. लेकिन 1998 में संसदीय चुनावों के बाद जर्मनी दबाव में था. कोसोवो का संकट गहरा हो रहा था, अमेरिका ने सैनिक हस्तक्षेप का प्रस्ताव दिया. जर्मनी में हेल्मुट कोल की सरकार चुनाव हार गई थी, चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर की गठबंधन सरकार अभी बनी नहीं थी. टीमो ग्रुंडेन बताते हैं कि तब हेल्मुट कोल की निवर्तमान सरकार ने श्रोएडर की संभावित सरकार के साथ बैठकर चर्चा की थी कि जर्मनी को क्या करना चाहिए.

सैद्धांतिक रूप से कार्यवाहक सरकार असीमित समय के लिए पद पर रह सकती है. बेल्जियम में एक बार एक साल से ज्यादा तक कार्यवाहक सरकार रही, क्योंकि वहां के फ्लेमिश और वालोनिया दल नई सरकार पर सहमत नहीं हो रहे थे. लेकिन जर्मनी में इसकी संभावना नहीं है. जरूरत पड़ने पर नए चुनाव हो सकते हैं.

रिपोर्ट: जनेट जाइफर्ट/एमजे

संपादन: ईशा भाटिया

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