संस्कृतियों का कार्निवाल
1996 से फिंग्स्टन त्योहार की परंपरा है बर्लिन का कार्निवाल. यहां मशहूर कार्निवाल के अलावा दुनिया भर की संस्कृतियों को बर्लिन में पेश किया जाता है.
सहनशीलता का त्योहार
कार्निवाल का सबसे रोचक और रोमांचक पल परेड होती है. और मौसम अच्छा हो तो इसका मजा लेने सात लाख लोग तक पहुंच जाते हैं. कुल नौ घंटे यह परेड चलती है.
नाच में मग्न
परेड करीब तीन किलोमीटर तक चलती है और इसमें बर्लिन का दक्षिणी इलाका क्रॉयत्सबर्ग भी आता है. बहुसांस्कृतिक विरासत के अलावा यहीं 1970 के दशक में डोनर कबाब पहली बार बनाया गया था.
सभी के लिए
क्रॉयत्सबर्ग में जहां तुर्क मूल के लोग ज्यादा रहते हैं, वहीं कार्निवल में कई संस्कृतियों के लोग शामिल होते हैं, करीब 180 देशों के. बर्लिन के करीब चार लाख साठ हजार लोगों के पास विदेशी पासपोर्ट है.
महंगा आनंद
इस साल संस्कृतियों के कार्निवाल के पहले विरोध प्रदर्शन हुए. 18 साल बाद भी इसमें शामिल होने वाले ग्रुप अपना खर्चा खुद उठाते हैं. चाहे वो परेड की गाड़ी हो, जनरेटर, पोशाकें या फिर प्रैक्टिस वाले कमरों का किराया. लोगों की मांग है इसके लिए एक फंड बनाया जाए.
धक्का मुक्की
इस साल सड़कों पर इस कार्निवाल के दौरान सात लाख लोग उतरे थे. कुछ ने खुद भी रंग बिरंगे कपड़े पहने थे. चार किलोमीटर की दूरी पार करने में परेड को पूरा दिन लग गया.
बर्लिन में सांबा
बर्लिन में कई दक्षिण अमेरिकी ग्रुप हैं. यहां ब्राजीलियाई रियो डे जेनेरियो का काफी प्रभाव है. ठंडे बर्लिन में ऐसी पोशाकें सामान्य तौर पर नहीं पहनी जा सकतीं.
बर्लिन में भी
1996 में पारंपरिक कैथोलिक कार्निवाल से हट कर कुछ करने का फैसला किया गया. वह कार्निवाल फरवरी में होता है और मुख्य तौर पर राइन नदी वाले इलाकों में. बर्लिन के अलग से कार्निवाल का आयोजन वैर्कश्टाट डेयर कुल्टुरेन नाम का संगठन करता है.
आदर्श
इस कार्निवाल को दूसरे बड़े शहरों की देखादेखी शुरू किया गया था. इसमें सबसे अहम था नॉटिंग हिल कार्निवाल. लंदन के इस इलाके में 1960 से लोग संस्कृतियों का मेल जोल मना रहे हैं.
बर्लिनवासी नहीं
बचपन से ही बर्लिन के बच्चों को सहनशीलता और सबके साथ रहना सिखाया जाता है. इसलिए इस बड़े कार्निवाल से पहले शनिवार को बच्चों का कार्निवाल होता है. इस साल 1500 बच्चे क्रॉयत्सबैर्ग पर मिले, उनका उद्देश्य है, गाजे बाजे के साथ समुद्री कछुओं को बचाना
2014 में फिर
शहर के इस खास कार्निवाल को स्थानीय लोग बहुत पसंद करते हैं और 2014 में फिर से इसे आयोजित करना चाहते हैं. अगले साल फिंग्स्टन 8 जून को है, उस दिन फिर बर्लिनवासी नाचेंगे गाएंगे.