सऊदी अरब ने तोड़ा ईरान से रिश्ता, तेल की कीमतें उछलीं
४ जनवरी २०१६रविवार को सऊदी अरब ने ईरान के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने की घोषणा की और देश में मौजूद ईरानी राजनयिकों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ कर लौट जाने को कहा. इसके बाद सोमवार को बहरीन और सूडान ने भी संबंध खत्म करने की घोषणा की. सऊदी अरब ने यह कदम ईरान की राजधानी तेहरान में अपने दूतावास पर हुए हमले के बाद लिया.
यह हमला सऊदी अरब द्वारा शिया मौलवी निम्र अल निम्र को दी गयी सजाए मौत के बाद हुआ. उनके अलावा 46 अन्य लोगों को शनिवार को मौत की सजा दी गयी. इन सब पर किसी ना किसी रूप में आतंकवाद फैलाने के आरोप थे. 55 साल के अल निम्र देश में अल्पसंख्यक शियाओं के लिए अधिकारों की मांग कर रहे थे. सुन्नी बहुल देश सऊदी अरब में 15 फीसदी आबादी ही शिया है. अल निम्र की मौत के बाद शिया सुन्नी विवाद एक बार फिर गर्मा गया है. इस बात पर अभी जानकारी साफ नहीं हो पाई है कि सऊदी अरब ईरान से आने वाले हाजियों को भविष्य में अनुमति देगा या नहीं.
सुलह की कोशिशें
अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ इस मतभेद को खत्म कराने और आपसी सुलह कराने की कोशिशों में लगे हैं. रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी ने अधिकारी का नाम ना बताते हुए लिखा है कि मॉस्को इस मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार है, हालांकि एजेंसी ने यह नहीं लिखा है कि क्या रूस की ओर से ऐसा कोई सुझाव सऊदी अरब या ईरान को भेजा गया है.
इसी तरह अमेरिका में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बयान दिया है कि राष्ट्रपति ओबामा का मानना है कि राजनयिक संबंध और आपसी संवाद तनाव को दूर करने के लिए अहम हैं, "हम नेताओं से निवेदन करते हैं कि वे तनाव खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाएं."
वहीं यूरोपीय संघ के विदेश नीति सचिव फेडेरीका मोघेरीनी ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ से फोन पर बात की और तनाव खत्म करने पर काम करने का अनुरोध किया. जर्मनी ने भी दोनों देशों से अपील की है. जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफान जाइबर्ट ने बयान जारी कर कहा, "हम दोनों देशों, सऊदी अरब और ईरान से अनुरोध करते हैं कि वे द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की हर मुमकिन कोशिश करें." वहीं जर्मन विपक्ष सरकार से सउदी अरब को हथियार बेचना रोकने की मांग कर रहा है.
आईबी/एमजे (डीपीए, एपी)