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सचिन के खून वाली किताब से कांबली दुखी

२० जुलाई २०१०

सचिन तेंदुलकर के खून से लिखी गई किताब पर उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली ने हैरानी जताई. कांबली ने सचिन के इस फैसले की निंदा की है. इशारों इशारों में उन्होंने कहा कि सचिन ने अपना स्तर गिराया है.

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तस्वीर: UNI

सचिन के बालसखा कांबली ने कहा, ''मैं इससे आहत हुआ हूं. ऐसी उम्मीदें लोग कांबली से करते हैं, सचिन तेंदुलकर से नहीं.'' विनोद के मुताबिक जैसे ही उन्हें पता चला कि किताब के स्पेशल एडिशन को सचिन के खून से लिखा गया है तो उन्हें दुख पहुंचा.

'द तेंदुलकर ओपस' नाम की यह किताब अगले साल फरवरी तक बाजार में आएगी. इसकी 10 प्रतियां ऐसी होंगी, जिन्हें छापने के लिए सचिन के खून का इस्तेमाल किया जाएगा. किताब के पब्लिशर कराकेन ने कहा, “इस भारी भरकम किताब को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यह क्रिकेट के शाहकार सचिन के लिए सबसे बड़ा ट्रिब्यूट साबित हो. यह उनके करियर और जिंदगी पर सर्वोत्तम काम है.“

कार्ल फ्लावर के सीईओ कराकेन ने 'द गार्जियन' अख़बार को बताया कि सचिन के खून को कागज की लुग्दी में मिलाया जाएगा. उस कागज से सिग्नेचर पेज तैयार किया जाएगा. उन्होंने माना कि यह विचार कुछ लोगों को अजीब लग सकता है. वह कहते हैं, “यह सबको पसंद आने वाली बात नहीं है. यह सबके लिए है भी नहीं. कुछ लोगों को यह बात अजीब लग सकती है. लेकिन इसमें मुख्य बात यह है कि लाखों लोगों के लिए सचिन एक भगवान की तरह हैं. और हमने सोचा कि छापे गए शब्दों के रूप में आप किस तरह अपने भगवान के सबसे करीब पहुंच सकते हैं.“

Der ehemalige Kricketspieler Vinod Kambli
तस्वीर: AP

खून से लिखी जाने वाली इन सभी 10 प्रतियों का ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है. हर प्रति की कीमत करीब 35 लाख रुपये है. इन किताबों से मिलने वाले पैसे का एक हिस्सा तेंदुलकर चैरिटेबल फाउंडेशन को जाएगा.

इनके अलावा एक हजार प्रतियां ऐसी होंगी जिन पर सचिन के दस्तखत होंगे. इन्हें बाजार में बेचा जाएगा. इनकी कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये के बीच हो सकती है. 852 पेज की इस किताब का वज़न 37 किलोग्राम के करीब होगा. तीन लाख शब्दों की इस किताब में 1500 से ज्यादा तस्वीरें लगाई गई हैं.

सचिन पहले क्रिकेटर हैं, जिन पर इस तरह की किताब छप रही है. इससे पहले स्पोर्ट्स कार फरारी, फुटबॉल क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड, फुटबॉलर माराडोना, पॉप स्टार माइकल जैक्सन और दुबई की इमारत बुर्ज खलीफा पर इस तरह की किताबें छप चुकी हैं. एडिटर जस्टिन बार्न्स कहते हैं कि ओपस ब्रैंड उन लोगों या चीजों के होने का जश्न मनाने के लिए है जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में सबसे ऊंची उपलब्धियां हासिल की हैं. सचिन एक सच्चे आदर्श हैं जिन्होंने अपने खेल को बहुत आगे बढ़ाया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा