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सचिन से सीखो क्रिकेट की कला: जोन्स

१६ अक्टूबर २०१०

क्रिकेट जगत के महानतम खिलाड़ियों में शुमार डीन जोन्स ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को सचिन तेंदुलकर से सीख लेने की सलाह दी है. जोन्स के मुताबिक पोंटिंग के खिलाड़ियों को सचिन से क्रिकेट की कला सीखनी चाहिए.

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सचिन को बताया क्रिकेट की कलातस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डीन जोन्स ने अपने देश के युवा क्रिकेटरों को नसीहत देते हुए कहा कि वे तेंदुलकर से बहुत कुछ सीख सकते हैं. जोंस के मुताबिक, "सचिन क्रिकेट की एक कला हैं. हमारे क्रिकेटरों के देखना चाहिए कि हर मैच के लिए तेंदुलकर कैसे जाते हैं. मैदान पर सचिन कभी नहीं बड़बड़ाते हैं. वह कभी खीझे हुए भी नहीं दिखते हैं."

ऑस्ट्रेलिया के बड़े अखबार द एज के लेख में उन्होंने कहा, ''आज भी हर सीरीज या मैच के लिए तेंदुलकर बेहद एकाग्रता से तैयारी करते हैं. जब भारतीय टीम अभ्यास कर रही होती है तो आप सचिन को कभी बैठा हुआ नहीं देखेंगे, वह हमेशा व्यस्त रहते हैं. तेंदुलकर को दौड़ना पसंद नहीं है, वह बहुत ज्यादा जिम वाले भी नहीं है. लेकिन वह स्टेशनरी बाइक पर कड़ा अभ्यास करते हैं, अपने आहार को लेकर भी बेहद सावधान रहते हैं. वह खुद को चोटी पर रखने के लिए पर्याप्त क्रिकेट खेलते हैं और पर्याप्त रन भी बनाते हैं.''

जोन्स के मुताबिक क्रिकटरों को संन्यास लेने तक लगातार खेल से सीख मिलती रहती है. वह कहते हैं, ''तेंदुलकर दिव्य हैं, वह विशुद्ध जीनियस खिलाड़ी है. मैंने ऐसे खिलाड़ी बहुत कम देखे हैं. विव रिचर्ड्स, एडम गिलक्रिस्ट, शेन वार्न और रिकी पोंटिंग जैसे खिलाड़ी दूसरों से अलग हैं. आखिर कौन सी बात है जो इन्हें जीनियस बनाती है. मुझे लगता है कि उनका रक्षात्मक अंदाज. वह हमेशा बुनियादी बातों को बेहतर ढंग से फॉलो करते हैं. जब दवाब या परिस्थितियां उनके उलट होती हैं तो रक्षात्मक अंदाज सबसे ज्यादा कारगर साबित होता है.''

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सचिन को सलामतस्वीर: AP

जोन्स ने पोंटिंग की कप्तानी की आलोचना नहीं की है. उनका मानना है कि खिलाड़ी ही अच्छा प्रदर्शन नहीं करेंगे तो कप्तान क्या करेगा. उन्होंने लिखा है, ''स्पिनर नाथन हॉरित्ज दबाव में बॉलिंग करने के लिए जरूरी बुनियादी बातें भूल जाते हैं, इसलिए वह गड़बड़ कर देते हैं. दवाब में वह छह गेंदें भी सही से नहीं फेंक पाते हैं. मार्कस नॉर्थ की दिक्कत यह है कि वह गेंद की लेंथ ही नहीं पढ़ पाते हैं. उन्हें पता ही नहीं चल पाता है कि इसे सीधे खेला जाए या नहीं. यही वजह है कि ये दोनों लगातार संघर्ष करते रहते हैं. हमारे टॉप गेंदबाज नए बल्लेबाज के लिए सीधी गेंदें नहीं फेंकते हैं, जबकि यह बेसिक है.''

इन बातों को सचिन से जोड़ते हुए जोन्स कहते हैं, ''वह अब 37 साल के है और रन बनाए जा रहे हैं. उनकी बल्लेबाजी में छह गियर हैं. बीच में कुछ समय के लिए उनकी बल्लेबाजी देखना उबाऊ से हो गया था, वह आउट ही नहीं होते थे. लेकिन अब उनका स्वाभाव बदल गया है. वह बल्लेबजी के अंदाज में बदलाव लाए हैं, छक्के भी मार रहे हैं.'' पूर्व क्रिकेटर के मुताबिक ये बातें हल्ला करने की नहीं, बल्कि चुपचाप सीखने की हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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