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सनी की छवि बदलेगी मोहल्ला अस्सी

१५ दिसम्बर २०१२

सनी देओल का नाम सुनते ही एक गुस्सैल इंसान की चीखें और भारी बाजुओं के साथ दमदार मुक्कों की धमक सुनाई देती है. चाणक्य वाले चंद्रप्रकाश द्विवेदी कह रहे हैं, इस छवि के टूटने का वक्त आ गया है.

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तस्वीर: AP

'मोहल्ला अस्सी' में सनी देओल को संस्कृत का मास्टर बना कर पेश कर रहे फिल्मकार चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने उनकी छवि को पूरी तरह से बदलने का दावा किया है. फिल्म काशीनाथ सिंह की पांच कहानियों वाले उपन्यास काशी का अस्सी पर आधारित है और इसमें साक्षी तंवर भी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं. कहानी बनारस में रची बुनी गई है.

चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने सनी देओल के बारे में कहा, "मैं सनी को 2004 से ही जानता हूं और तभी से हम साथ काम करने की योजना बना रहे थे लेकिन कुछ हो नहीं पाया. जब मुझे इस फिल्म में उनको निर्देशित करने का मौका मिला तो हर कोई हैरान रह गया. यहां तक कि मेरे अपने कलाकारर भी यकीन नहीं कर पा रहे थे सनी इस गैरपारंपरिक भूमिका को निभाएंगे." विख्यात टीवी सीरियल चाणक्य के निर्देशक अभिनेता ने कहा कि यह भूमिका सनी की वर्षों से कायम छवि को एक दम से ध्वस्त कर देगी. द्विवेदी ने कहा, "मैं एक ऐसे शख्स को जानता हूं जो सनी देओल का फैन नहीं है, उसने सनी की कोई फिल्म नहीं देखी लेकिन वह सनी को इस भूमिका में देखने के लिए बेताब है, जब से उसे पता चला है कि मैं उन्हें निर्देशित कर रहा हूं."

Der indische Bollywoodschauspieler Sunny Deol bei einer Veranstaltung in Patna
तस्वीर: UNI

आखिरी फिल्म पिंजर के करीब एक दशक बाद चंद्रप्रकाश अपनी फिल्म के साथ दर्शकों के सामने आ रहे हैं. मोहल्ला अस्सी अगले साल अप्रैल में पर्दे पर उतरेगी. फिल्म की कहानी 1988-98 के बीच के दौर में बनारस पर है. यह ग्लोबालाइजेशन का असर दिखाती है और बताती है कि कैसे इस शहर को भारत की पहचान मान लिया गया है. शुक्रवार को चंद्रप्रकाश द्विवेदी अपनी टीवी सीरीज "उपनिषद गंगा" का डीवीडी लॉन्च करने के लिए मीडिया के सामने आए थे और इसी दौरान उन्होंने यह बातें कही.

यह पूछने पर कि उन्हें पिंजर के बाद अगली फिल्म का निर्देशन करने में इतना वक्त क्यों लगा द्विवेदी ने कहा, "दो बड़े बजट की फिल्मों की इस दौरान योजना बनी लेकिन कई वजहों से वह बन नहीं पाईं. फिर जब मैंने उपनिषद गंगा पर 2007 में काम करना शुरू कर दिया तो वह मेरी प्राथमिकता बन गई. चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने कहा उनके टीवी सीरियल को युवा लोगों का इतना अच्छा रिस्पांस मिला है कि उन्हें सीरीज के बीच में ही इसकी डीवीडी लॉन्च करनी पड़ी है. इस दौरान द्विवेदी ने यह भी कहा कि इतिहास या पौराणिक कथाओं पर फिल्म या टीवी सीरियल बनाना बेहद चुनौती वाला काम है. उन्होंने बताया कि उपनिषद गंगा पर जिस तरह का काम किया गया है उसे उपनिषद पढ़ने वाला कोई शख्स चाहे तो संदर्भ के लिए इस्तेमाल कर सकता है.

दूसरों से अपने सीरियल के फर्क के बारे में उन्होंने कहा,"आप खुद ही देखिए कि आज चल रहे दूसरे टीवी सीरियलों के लिए कितने लोग डीवीडी की मांग करते हैं. इस रूप में भी मेरे काम के फर्क को आप जान सकते हैं." चाणक्य टीवी सीरीज में द्विवेदी ने खुद प्रमुख भूमिका निभाई थी. जब उनसे अभिनय के बारे में सवाल किए गए तो उन्होने साफ मना कर दिया. चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा, "अभिनेता के रूप में मेरा सफर चाणक्य के साथ ही पूरा हो गया."

एनआर/एमजे (पीटीआई)

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