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सरकार की मुश्किल पाक का आंतरिक मामला- यूएस

४ जनवरी २०११

पाकिस्तान की गठबंधन सरकार में पैदा हुए मतभेद के बारे में अमेरिका का कहना है कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और वह इसमें कोई दखल नहीं देगा. एमक्यूएम ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया जिससे सरकार अल्पमत में आ गई.

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जरदारी को गिलानी में पूरा विश्वासतस्वीर: picture-alliance/ dpa

अमेरिकी सरकार के अधिकारी ने कहा, "हम इसे पाकिस्तान का राजनीतिक मामला मानते हैं और हमें नहीं लगता कि अमेरिका का इस पर टिप्पणी करना सही होगा." उधर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने प्रधानमंत्री में पूरा विश्वास जताया है. रविवार को मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के सरकार से समर्थन वापिस लेने के कारण यूसुफ रजा गिलानी की सरकार अल्पमत में आ गई. समर्थन लेने का कारण ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी थी. एमक्यूएम का कहना है कि इतनी कीमत पाकिस्तान का आम आदमी नहीं चुका सकता. अगर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो गिलानी सरकार गिर सकती है. जरदारी का गिलानी में विश्वास दिखाना एक तरह से इस बात का संकेत है कि वह विपक्ष के दबाव पर संसद में विश्वास मत नहीं लाएंगे. राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा, "जरदारी को प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी पर पूरा विश्वास है और वह उनके साथ हैं. सरकार अस्थिर करने की किसी भी कोशिश को वह सफल नहीं होने देंगे."

पाकिस्तान में सरकार की अस्थिरता का दौर ऐसे समय आया है जब एक ओर पाकिस्तान आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा है, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का ऋण उसे देना है और उस पर चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने का दबाव भी बढ़ रहा है. साथ ही देश में तेजी से कर सुधार लागू करने हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एस गौड़

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