सरहदों में बंटा इंसान
इस्राएल में आधिकारिक तौर पर करीब 50,000 फलीस्तीनी काम करते हैं जबकि लगभग 30,000 लोग गैर कानूनी ढंग से सीमा पार कर काम के लिए पश्चिम तट से आते हैं. दोनों ही तरह के लोगों के लिए यह आसान नहीं है.
भोर के पहले दिन की शुरुआत
तयसीर अबु शरीफ हैदर उन फलीस्तीनियों में से हैं जिनके पास आधिकारिक तौर पर वर्क परमिट है. हैदर रोजाना वेस्ट बैंक से सीमा पार करते हैं. हर सुबह सूरज निकलने के पहले वह कलकिल्या चेकप्वाइंट पहुंचते हैं, जहां से वह इस्राएल में अपने दफ्तर जाते हैं.
लंबा इंतजार
फलीस्तीनी जो इस्राएल में कानूनी तौर पर काम करते हैं उन्हें सीमा पार करते हुए धैर्य रखना पड़ता है. लेकिन उनके पास विकल्प नहीं है. पश्चिम तट में बहुत ही कम काम है. अगर वे काम पाने में सफल भी हो जाते हैं तो मेहनताना इस्राएल में मिलनी वाली मजदूरी का एक तिहाई होता है.
तड़के शुरुआत
फलीस्तीनियों के पास भोर के 4 बजे से लेकर सुबह के 6 बजे तक सीमा पार करने का मौका होता है. इस दौरान अगर गेट खुलने में देरी या फिर प्रक्रिया लंबा समय लेती है तो कर्मचारियों के बीच हाथापाई होना कोई असामान्य बात नहीं है.
एक दूसरे का सहारा
साल 2000 में 1,60,000 से ज्यादा फलीस्तीनी इस्राएल में काम करते थे. इस्राएल इन श्रमिकों पर निर्भर है. 2001 में यह स्पष्ट हो गया.
2001 से कम वर्क पर्मिट
इस्राएली सरकार को अच्छी तरह से पता है कि कृषि क्षेत्र को फलीस्तीनी कामगरों की जरूरत है. 2001 में एक आत्मघाती हमले के बाद सभी फलीस्तीनियों को शुरुआती दौर में देश में घुसने से रोक दिया गया. लेकिन बाद में सरकार ने 5000 कृषि मजदूरों को सीमा पार करने की इजाजत दे दी.
इस्राएल में बसों का इंतजार
रोजाना करीब 50,000 फलीस्तीनी वर्क पर्मिट के साथ वेस्ट बैंक से सफर करते हैं. सीमा पार करने के बाद उन्हें बसों के जरिए कार्यस्थलों तक पहुंचाया जाता है.
कम आय
इस्राएली मजदूर जितना कमाता है उसका 50 फीसदी ही वेस्ट बैंक से आने वाले मजदूर को मिलता है. यह इस्राएली उद्यमियों के लिए महत्वपूर्ण बचत है. और फलीस्तीनी मजदूरों के लिए घर में मजदूरी करने के बजाए ज्यादा आर्थिक फायदा है.
अवैध मजदूर कम कमाते
50,000 वैध मजदूरों के अलावा करीब 30,000 फलीस्तीनी अवैध रूप से सीमा पार करते हैं. ऐसे मजदूर इस्राएली वेतन का एक तिहाई कमाते हैं.
खतरे में
इस्राएली सेना का गश्त दल अवैध तरीके से सीमा पार करने वालों को पकड़ लेता है. आम तौर पर उन्हें उसी दिन वापस भेज दिया जाता है. पकड़े जाने पर फलीस्तीनियों के लिए आधिकारिक वर्क पर्मिट लेना और कठिन हो जाता है.