साइकिल को मिला नया सितारा
२२ जुलाई २०१३टाइम ट्रायल और पहाड़ों पर हुई रेस में उनके समय और उनकी उम्र को देखते हुए उनमें आने वाले सालों के चैंपियन का चेहरा देखा जा रहा है. जिस तरह से उन्होंने 100वें टूर में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ा है, टूर के प्रशंसकों को आने वाले सालों में भी शांसेलीजे पर रेस के अंत में ब्रिटिश राष्ट्रधुन सुनने के लिए तैयार रहना होगा.
फ्रूम ने जीत के बाद तीन हफ्ते की रेस पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, "यह निश्चित तौर पर एक चुनौती रही है." इस रेस में उनकी जीत की दुनिया भर के खेल वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की बढ़ती फौज ने जांच की है. फ्रूम ने दुनिया की अव्वल दर्जे की रेस कोलंबिया के पहाड़ विशेषज्ञ नाइरो क्विंताना से 4 मिनट 20 सेकंड आगे रहकर जीती. इससे पहले वे 2011 में टूर ऑफ स्पेन में उपविजेता रहे और पैरिस में पिछले साल अपने देशवासी ब्रैडली विगिंस के बाद दूसरे नंबर पर रहे. उन्हें ऐसा खिलाड़ी माना जा रहा था, जो आने वाले वर्षों में अपना जलवा दिखाएगा.
इसी भावना को अभिव्यक्त करते हुए टूर के नामी खिलाड़ी एडी मैर्क्स ने फ्रेंच टेलिविजन से कहा, "मैं नहीं जानता कि आने वाले वर्षों में उन्हें कौन पछाड़ेगा, सिवाय इसके कि क्विंताना अपने समय में महत्वपूर्ण बेहतरी लाते हैं." स्काई टीम के प्रमुख डेव ब्रेल्सफोर्ड को पूरा विश्वास है कि 2010 में स्काई में शामिल होने वाला रूखे हीरे ने पॉलिशिंग के दौर को बखूबी पार कर लिया है. उनका कहना है, "वे इस समय यदि सर्वोत्तम नहीं, तो दुनिया के बेहतरीन साइकिल चालकों में हैं, और यह सोचने की कोई वजह नहीं कि ऐसा जारी नहीं रहेगा."
लांस आर्मस्ट्रांग की डोपिंग मामले के सामने के बाद साइकिल रेस के साफ सुथरे होने में लोगों का संदेह बढ़ा है और लोग यह मानने लगे हैं कि रेस में वे जो देख रहे हैं वह सच नहीं है. पैरिस की जीत से खुद फ्रूम का जोश बढ़ा है और वे कहते हैं कि आने वाले वर्षों में वे ढीला पड़ने वाले नहीं हैं. "मैं 28 साल का हूं... और ज्यादातर साइकिल चालक तीस का होने के बाद अपने शिखर पर पहुंचते हैं. मैं तब तक यहां फिर से आना और टूर दे फ्रांस के टाइटल के लिए संघर्ष करना चाहूंगा जब तक मैं यह कर पाऊंगा और जब तक इसके लिए प्रेरणा रहेगी."
क्रिस फ्रूम की इस साल की जीत डोपिंग के कारण बदनाम हुए लांस आर्मस्ट्रांग की 2004 की जीत के बाद सबसे बड़े अंतर वाली जीत है. उस समय आर्मस्ट्रांग ने जर्मनी के आन्द्रेयास क्लोडेन को 6 मिनट के अंतर से हराया था. पहाड़ों में कुछ बेहतरीन प्रदर्शनों के बावजूद ये आंकड़ें संदेह करने वालों को शांत नहीं कर पाएंगे जिनका मानना है कि फ्रूम का प्रदर्शन कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया है. आर्मस्ट्रॉन्ग की डोपिंग का पर्दाफाश करने में लगे पत्रकार डेविड वॉल्श जैसे समर्थकों का कहना है कि फ्रूम की सफलता इमानदारी और कड़ी मेहनत का नतीजा है.
फ्रूम ने 2004 में ही टेलिविजन पर साइकिल रेस की प्रतियोगिताओं को देखना शुरू किया जब ताकत बढ़ाने वाली दवाओं की मदद से आर्मस्ट्रांग ने रिकॉर्ड बनाते हुए लगातार छठी बार पीली जर्सी पहनी. स्वाभाविक था कि इस बार जब स्टेज आठ पर पीली जर्सी प्रूम को मिली तो दुनिया भर की मीडिया हर कदम पर उनकी जांच कर रही थी. आक्सोडोमेन में आठवें स्टेज की जीत के बाद प्रूम ने घोषणा की, "मैं 100 फीसदी क्लीन हूं." लेकिन इस जीत ने लांस आर्मस्ट्रांग की टीम के साथ तुलना का भी मौका दिया.
एक दिन बाद पहले डोपिंग कर चुके डेविड मिलर उनके बचाव में सामने आए. स्कॉटिश खिलाड़ी ने कहा, "आम लोगों को पता ही नहीं कि खेल कितना बदल गया है, और स्काई सचमुच में क्या कर रहा है." संदेह बने रहे और कई मौकों पर फ्रूम संवेदनशील हो उठे. एक दिन बाद मोंवेंटू में कठिन जीत के बाद फ्रूम ने कहा, "मेरी तुलना लांस से...लांस ने बेईमानी की, मैं बेईमानी नहीं कर रहा हूं. कहानी खत्म." उन्होंने अपनी और अपने साथियों की कठिन ट्रेनिंग पर जोर देते बताते हुए कहा, "और मैं यहां बैठा हूं, मुझपर धोखाधड़ी और झूठा होने के आरोप लगाए जा रहे हैं, यह सही नहीं है."
लांस आर्मस्ट्रांग की डोपिंग के बारे सच को सामने आने में सालों लगे. उन्हें कभी खेल की दुनिया का सबसे बड़ा कमबैक माना गया था. लेकिन जब सच सामने आया तो वह बहुत ही भद्दा था. पैरिस में विजेता मंच पर खड़े होकर फ्रूम ने अपनी मां का आभार व्यक्त किया, जिनकी टूर में उनकी पहली भागीदारी के कुछ दिन पहले ही मौत हो गई थी और घोषणा की कि वे साफ सुथरे चैंपियन हैं. "मैं इस जीत को अपनी मां की भेंट करना चाहूंगा. अपने सपने को पूरा करने के लिए उनके बढ़ावे के बिना मैं शायद घर पर बैठकर टीवी देख रहा होता.
एमजे/एनआर (एएफपी, एपी)