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सीधे लोकतंत्र की अकेली मिसाल

२७ मई २०१३

स्टेफान मिलिउस ने तलवार पर पकड़ मजबूत बनाए रखी है. वह स्विट्जरलैंड के अपेंसेल शहर के चौराहे पर पहुंच जाते हैं. यहां बिलकुल शुद्ध लोकतंत्र का दीदार किया जा सकता है.

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तस्वीर: James Steid/Fotolia

हर साल अपेंसेल के पूर्वोत्तर इलाके में लोग सीधे चुनाव से अपने प्रतिनिधि को चुनने पहुंचते हैं. वे अपने नेता और जजों को सीधे तौर पर चुनते हैं. वे बैलट पेपर पर वोट नहीं देते, बल्कि हाथ उठा कर अपना मत प्रकट करते हैं.

जिस जगह ऐसी वोटिंग होती है, उसे द रिंग कहा जाता है. वहां इसके लिए पूरी व्यवस्था की जाती है. मिलिउस का कहना है, "आई लव इट..यह लोकतंत्र का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि यहां बिलकुल सीधा चुनाव होता है." यह कहते हुए उन्होंने अपनी तलवार सीधी कर ली. वोटिंग कार्ड की जगह लोग आम तौर पर तलवार लेकर ही यहां पहुंचते हैं.

लांडेसगेमाइन्डे यानी खुली एसेंबली की यह रिवायत 14वीं सदी से चली आ रही है. अपेंसेल में यह हर साल अप्रैल के आखिरी रविवार को यहां वोटिंग होती है. इतिहासकारों का कहना है कि पुराने जमाने में सिर्फ वे मर्द वोटिंग करते थे, जो जरूरत पड़ने पर लड़ाई के मैदान में जाने को तैयार रहते थे. इसी वजह से वे आज भी तलवार लेकर पहुंचते हैं.

सिर्फ दो जगह

अपेंसेल कैंटोनल सरकार में द्वितीय सचिव रुडोल्फ केलर का कहना है, "यह दुनिया की इकलौती जगह है, जहां एक हथियार को वोटर आईडी कार्ड समझा जाता है." इस बीच वह अपनी तलवार भी दिखाते हैं, जिसमें उनका नाम खुदा हुआ है. इस तरह का चुनाव अपेंसेल के अलावा सिर्फ ग्लेरियर में होता है.

शहर की औरतें संकरी गलियों से गुजरते हुए अपना पीला कार्ड दिखाना नहीं भूलती हैं. उनके लिए इस कार्ड की वही अहमियत है, जो मर्दों के लिए उनकी तलवार की. अपेंसेल को स्विट्जरलैंड का सबसे परंपरागत कैनटोन माना जाता है. यहां औरतों को मताधिकार 1991 में मिला. वैसे स्विट्जरलैंड के संघीय चुनाव में भी उन्हें वोटिंग का हक 1971 में ही मिल पाया.

Schweiz Abstimmung im Kanton Appenzell
वोटिंग को जमा लोगतस्वीर: picture-alliance / dpa

व्रेनी इनाउएन टूरिस्ट गाइड हैं और 26 साल पहले यहां आई थीं. वह याद करती हैं कि तब वह खुद भी वोट नहीं डाल सकती थीं लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है. उनका कहना है, "कुछ बुजुर्ग मर्दों को अब भी यह अच्छा नहीं लगता है कि औरतों को मताधिकार दिया गया, लेकिन युवा पीढ़ी इससे खुश है."

मर्दों के साथ साथ

इनाउएन हंसते हुए बताती हैं कि पहले कई औरतें मर्दों के साथ जाती थीं और देखती थीं कि उनके पति सही व्यक्ति को वोट दे रहे हैं या नहीं.

अब देखने वाले बदल गए हैं. आस पास की खिड़कियों से लोग कौतूहल में देखते हैं और साथ ही इस शुद्ध सीधे लोकतंत्र को देखने हर साल कई पर्यटक भी पहुंचते हैं.

लेकिन अपेंसेल में वोटिंग के लिए बहुत धैर्य की जरूरत होती है. इस चौराहे पर करीब 3900 लोग जमा होते हैं और सब के सब खड़े रहते हैं. सिर्फ बुजुर्गों और विकलांग लोगों को बैठने की अनुमति मिलती है.

सबसे पहले कैंटोन के प्रेसिडेंट का चुनाव होता है. लोगों ने हाथ उठा कर डेनियल फेसलर को चुन लिया, जो कार्लो श्मिट की जगह लेने वाले हैं. फेसलर वाइस प्रेसिडेंट थे, जबकि श्मिट 29 साल तक अपने पद पर रहे.

कैसे होती गिनती

अब जब बारी फेसलर के पद पर दूसरे व्यक्ति को चुनने की आई, तो फैसला मुश्किल हो गया. तीन बार प्रयास के बावजूद पता नहीं चल पाया कि किसके हक में सबसे ज्यादा हाथ उठाए गए हैं. पास खड़ी एक महिला बुदबुदाती है, "अब वे वोट गिनेंगे. यह बहुत खास मौका है." पिछली बार कोई 10 साल पहले वोट गिनने की जरूरत पड़ी थी.

वोट गिनने की बारी आई तो लोग अलग अलग हिस्सों में बंट गए और दो दरवाजों से बाहर जाने लगे. दोनों दरवाजे अलग अलग प्रतिनिधियों के वोटरों के हैं. वहीं दरवाजे के बाहर खड़ा व्यक्ति लोगों की संख्या गिनने लगा. रस्सी का एक घेरा भी लगा दिया गया है ताकि कोई दोबारा वोट देने न पहुंच जाए.

आखिर में फैसला हो गया, जब रोलांड इनाउएन ने योजेफ श्मिट को सिर्फ 33 वोट से हरा दिया. लेकिन चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. अभी सरकार के दूसरे सदस्यों और जजों को चुनना बाकी है. उन्हें सात लाख स्विस फ्रैंक की एक रेल योजना को मंजूरी देनी है और सरकार के सदस्यों के कार्यकाल को 12 साल तक सीमित करने पर भी मुहर लगानी है.

देखने पहुंचे सैकड़ों

पास के फ्रांसीसी शहर नियों से यह सब देखने पहुंचे क्लाउडे शापिऊ का कहना है, "यह बेहतरीन लोकतंत्र है. शानदार तरीके का. आपको सबके सामने हाथ उठा कर अपनी बात कहने के लिए बहुत साहस की जरूरत होती है."

हालांकि कुछ लोगों को इस बात से खतरा लगता है कि मत गुप्त नहीं होता. ब्रिटिश इतिहासकार क्लाइव चर्च का कहना है, "यह जरा खतरा है कि लोग इस तरह लोकतंत्र का प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर आप अलोकप्रिय पक्ष का समर्थन करेंगे. अगर आपके बारे में पता लग जाए, तो आप पर दबाव डाला जा सकता है."

मिलिउस इस बात से सहमत हैं कि ऐसा हो सकता है "लेकिन यह सबसे शुद्ध रूप है और हमारे लिए काम कर रहा है."

एजेए/एमजी (एएफपी)

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