रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर हमला करेगा फ्रांस
१४ फ़रवरी २०१८फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने प्रेजिडेंशियल प्रेस कोर के साथ बातचीत में कहा, "हम उस जगह पर हमला करेंगे जहां इन्हें तैयार किया गया." साथ ही उन्होंने कहा कि फ्रांस को अभी तक ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि आम लोगों के खिलाफ रासायनिक हथियार इस्तेमाल किए गए हैं. उन्होंने कहा, "जैसे ही सबूत मिल जाएगा, मैं वह करूंगा जो मैंने कहा है." फ्रांस के राष्ट्रपति यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता आतंकवादियों और जिहादियों के खिलाफ लड़ना है.
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सीरिया की सरकार के बारे में माक्रों ने कहा, "उसे अंतराष्ट्रीय न्याय के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीरिया के मुद्दे पर क्षेत्र में ही, संभव हो सके तो एक अंतरराष्ट्रीय बैठक बुलाने की अपील की है.
शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से टेलीफोन पर हुई अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए माक्रों ने कहा कि "वह इन संकेतों को लेकर परेशान हैं जिनसे सीरिया में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान कई मौके पर आम लोगों के खिलाफ क्लोरीन के इस्तेमाल की आशंकाओं को बल मिलता है."
रूस ने सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद सरकार की मदद के लिए हस्तक्षेप किया और इसीलिए पुतिन को ऐसे अंतरराष्ट्रीय नेता के तौर पर देखा जाता है जिसका सीरिया के राष्ट्रपति असद पर सबसे ज्यादा प्रभाव है. मई 2017 में जब पुतिन ने फ्रांस का दौरा किया था तो माक्रों ने घोषणा की थी कि सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल पर फ्रांस वहां हमला करेगा.
अमेरिका का कहना है कि जनवरी की शुरुआत से सीरिया में विद्रोही इलाकों में कम से कम छह क्लोरीन हमलों की खबर है, जिनमें दर्जनों लोग घायल हो गए. लेकिन सीरिया की सरकार ने इससे इनकार किया है. रूस ने भी अमेरिकी आरोपों को "प्रचार मुहिम" बता कर खारिज कर दिया.
अमेरिका की तरह फ्रांस को भी सीरिया की सरकार पर रासायनिक हमला करने का संदेह है, लेकिन इस बारे में अभी तक सबूत नहीं मिले हैं. इससे पहले अप्रैल 2017 में संयुक्त राष्ट्र और कई देशों की सरकार ने सीरियाई सरकार को विपक्षी गुट के नियंत्रण वाले एक गांव खान सेखुइन में सारिन गैस हमले का जिम्मेदार करार दिया था जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे.
एके/एनआर (डीपीए, एएफपी)