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सुपर केले का मानव परीक्षण

१८ जून २०१४

अफ्रीका में लाखों लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने के मकसद को पूरा करने के लिए आनुवांशिक रूप से तैयार समृद्ध केले का जल्द ही पहला मानव परीक्षण होने वाला है. वैज्ञानिक विटामिन ए स्तर के प्रभाव का परीक्षण करेंगे.

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Symbolbild Bananen Panama-Krankheit
तस्वीर: Saul Loeb/AFP/Getty Images

साल 2020 तक युगांडा में इस योजना में विशेष केलों के किस्मों को उगाने के उपाय होंगे. यह केले अल्फा और बीटा कैरोटिन से भरपूर होंगे जिसे शरीर विटामिन में तब्दील करता है. बीटा कैरोटिन एक पिग्मेंट है, जो पौधों में पाया जाता है. बीटा कैरोटिन शरीर की विटामिन ए की 50 प्रतिशत आवश्यकता पूरी कर देता है. यह फल, सब्जियों और साबुत अनाज में पाया जाता है. प्रोजेक्ट प्रमुख प्रोफेसर जेम्स डेल के मुताबिक, "अच्छा विज्ञान यहां युगांडा के केलों जैसे प्रमुख फसलों में विटामिन ए समृद्ध बनाकर एक बड़ा बदलाव कर सकता है. गरीब और निर्वाह खेती करने वाली आबादी को पोषण संवर्धित भोजन उपलब्ध कराया जा सकता है."

ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के इस प्रोजेक्ट को बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से सहायता प्राप्त है. साल के अंत तक यूनिवर्सिटी निर्णायक परिणाम देखने की उम्मीद कर रही है. प्रोफेसर डेल के मुताबिक, "हमें पता है कि हमारा विज्ञान काम करेगा. केले में जो जीन गए हैं, उन्हें हमने यहां यूनिवर्सिटी में ही तैयार किया है." डेल के मुताबिक पूर्वी अफ्रीका में केले का इस्तेमाल खाना पकाने के लिए प्रमुख भोजन के तौर पर किया जाता है लेकिन इसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्तर कम होता है, खासकर के विटामिन ए और आयरन. वे कहते हैं, "विटामिन ए की कमी का परिणाम भयानक है. हर साल साढ़े छह लाख से सात लाख बच्चे मर जाते हैं और कम से कम तीन लाख बच्चे अंधे हो जाते हैं."

शोधकर्ताओं ने फैसला किया कि मुख्य भोजन को भरपूर बनाना ही समस्या को कम करने का बेहतर तरीका है. संशोधित केले बाहर से तो दिखने में वैसे ही हैं लेकिन अंदर का गूदा क्रीम रंग के मुकाबले ज्यादा नारंगी है.

डेल कहते हैं कि यह कोई समस्या नहीं हो सकती है. वे कहते हैं कि एक बार जब युगांडा में आनुवांशिक रूप से संशोधित केले को व्यावसायिक खेती की मंजूरी मिल जाती है तो यही तकनीक संभावित है कि फसलों में भी विस्तारित की जा सकती है. तकनीक का इस्तेमाल रवांडा, केन्या और तंजानिया में मुमकिन हो पाएगा. डेल के मुताबिक पश्चिम अफ्रीका में किसान केले की खेती करते हैं और यही तकनीक दूसरे तरह की खेती में ट्रांसफर की जा सकती है.

एए/एमजे (एएफपी)