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"सुशासन आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता"

समरा फातिमा२५ दिसम्बर २०१४

क्रिसमस के दिन छुट्टी मनाने के बजाय भारत में 'सुशासन दिवस' के तहत सरकारी दफ्तर खुले रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावी और जवाबदेह सरकार उपलब्ध कराने के अपने वादे को दोहराया और कहा सरकार नागरिकों को निराश नहीं करेगी.

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तस्वीर: Reuters/R. Stevens

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 90वें जन्मदिन के मौके पर भारत में 25 दिसंबर सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा, "आज हमारे प्रिय नेता, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. इस अवसर पर, हम इस देश के लोगों को पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह सरकार उपलब्ध कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं. आइए, सुशासन के इस अभियान पर हम साथ मिलकर चलें." केंद्र सरकार ने सर्कुलर भेज कर सभी सरकारी कार्यालयों से कहा कि इस दिन सरकारी कर्मचारी शपथ लेंगे कि वे सुशासन लाने में केंद्र सरकार की मदद करेंगे. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले सात महीनों में 'नागरिक पहले' के मंत्र पर काम किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार एक आसान आंतरिक कार्यप्रणाली पर काम कर रही है जिसे ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा. उनके मुताबिक, "सरकारी प्रक्रिया को नए सिरे से आकार देना एक अहम काम है जिसपर जोर दिया जा रहा है. भारत सरकार के मंत्रियों और विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने कार्यक्षेत्र पर गौर करें, अपनी आंतरिक प्रक्रिया की पड़ताल करें और देखें कि उन्हें कैसे आसान और तर्कसंगत बनाया जा सकता है."

मोदी ने ट्वीट किया कि विकास और सुशासन आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. हम साथ मिलकर लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाएं और एक विकसित भारत की स्थापना करें. सरकारी कामों को आसान बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाएगा ताकि लोगों को इधर-उधर न भागना पड़े, काम एक ही जगह हो जाएं. सभी सांसदों को अपने इलाके में जाकर इन सभी बिंदुओं पर काम करने को कहा गया है.

इस सर्कुलर को लेकर सरकारी कर्मचारियों में काफी गुस्सा है, क्योंकि उनकी छुट्टी मारी गई. बीजेपी का कहना है कि पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का जन्मदिन मना रही है, लेकिन विपक्षी दलों के मुताबिक बीजेपी सांप्रदायिक माहौल को बढ़ावा दे रही है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हर दिन ही "गुड गवर्नेंस डे" होना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर कोई कहता है कि बड़ा दिन सुशासन दिवस है तो मैं इस बात से सहमत नहीं हूं." उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है, "अगर मैं कुर्सी पर हूं तो मैं धर्म, जाति और संप्रदाय के आधार पर अंतर नहीं कर सकती हूं. हमारी एकता ही हमारी शक्ति है."

गुरुवार को सुशासन दिवस के तहत मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का दौरा किया. बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में उन्होंने कहा कि आजकल के नौजवान टीचर नहीं बनना चाहते जो कि देश के लिए अच्छी बात नहीं. छात्रों को इसके लिए प्रेरित करना होगा. उन्होंने टीचर बनने के इच्छुक लोगों के लिए स्कूल के बाद पांच साल का टीचर ट्रेनिंग कोर्स शुरू करने की बात कही. उन्होंने कहा कि देश को दुनिया भर में अपने यहां से उत्तम टीचर निर्यात करने पर गौर करना चाहिए.