1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सू ची को सुनने को बेताब हो उठे लोग

१३ नवम्बर २०१०

म्यांमार में लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची की रिहाई का इंतजार हजारों लोग उनके घर के बाहर कर रहे थे. और जब सात साल की कैद के बाद वह अपने घर से बाहर निकलीं तो उनकी आवाज सुनने को लोग बेताब हो गए.

https://p.dw.com/p/Q7vB
तस्वीर: AP

तानाशाही के खिलाफ संघर्ष की प्रतीक आंग सान सू ची के मुंह से पहली बात संघर्ष की ही निकली. उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि एकजुट हों और दमन के विरोध के लिए तैयार हो जाएं.

अपने समर्थकों की ओर हाथ हिलाते हुए और मुस्कुराते हुए सू ची झील के किनारे स्थित अपने घर से बाहर आईं और बोलीं, "हम सबको एक होकर काम करना होगा." उन्होंने कहा कि संघर्ष छोड़ना का उनका कोई इरादा नहीं है.

NO FLASH Aung San Suu Kyi
तस्वीर: picture-alliance/dpa

65 साल की सू ची को हर कोई गले लगाना चाहता था. उनके एक समर्थन हेताइन विन ने कहा, "उन्हें असल में देखकर मैं बहुत खुश हूं. लेकिन वह पहले से ज्यादा उम्र की लग रही हैं. पिछली बार मैंने उन्हें 2002 में देखा था."

सू ची ने अपने समर्थकों से कहा कि रविवार दोपहर को पार्टी मुख्यालय पर आएं. वहां वह लोगों को संबोधित करेंगी. काफी देर तक वह लोगों के अभिवादन का जवाब देती रहीं और फिर अपने घर के अंदर चली गईं. उनके जाने के बाद भी हजारों लोग उनके घर के सामने काफी देर तक खड़े रहे.

सू ची ने अपने दोनों बेटों को एक दशक से नहीं देखा है. उनका छोटा बेटा किम अरिस जो अब 33 साल का है, उनसे मिलने बैंकॉक से आया है. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि उन्हें मिलने दिया जाएगा या नहीं. सू ची ने अरिस से फोन पर बात की है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें