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सेक्स गुलामों पर कोरिया और जापान का समझौता

२८ दिसम्बर २०१५

दक्षिण कोरिया और जापान ने युद्धकाल में सेक्स बंधकों के रूप में इस्तेमाल की गई कोरियाई महिलाओं के मुद्दे पर आपसी सहमति बना ली है. दोनों पड़ोसी देशों के बीच विश्व युद्ध के बाद से ही कम्फर्ट वीमेन" मुद्दे पर विवाद रहा है.

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Südkoreanerin Lee Ok-Seong
तस्वीर: Tsukasa Yajima

पूर्वोत्तर एशिया का सबसे विवादास्पद मुद्दा माने जाने वाले कोरियाई सेक्स बंधक कांड में जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है. जापान ने जीवित बचे पीड़ितों को एक अरब येन (करीब 83 लाख अमेरिकी डॉलर) की राशि देने की घोषणा की है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री युन ब्युंग-से ने कहा है कि अगर जापान अपनी जिम्मेदारी पूरी करता है तो इस समझौते को "अंतिम और अडिग" माना जाएगा.

Japan Südkorea Zweiter Weltkrieg Frauen Sklaven Einigung Seoul
दक्षिण कोरिया और जापान के विदेश मंत्री कम्फर्ट वीमेन के लिए फंड पर सहमति के बाद.तस्वीर: picture-alliance/dpa/K.Min-Hee

बातचीत के बाद जापान के विदेश मंत्री फुमिओ किशीदा ने कहा कि जापान द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेनाओं द्वारा यौन यंत्रणा की शिकार हुई कोरियाई "कम्फर्ट वीमेन" के लिए यह राशि प्रदान करेगा. उन्होंने साफ किया कि "यह कोई मुआवजा नहीं बल्कि सभी कम्फर्ट वीमेन के सम्मान और मर्यादा को वापस लौटाने और उनके भावनात्मक घावों को भरने की एक पहल है." उन्होंने कहा, "जापानी सेना की संलिप्तता वाले कम्फर्ट वीमेन मुद्दे के लिए जापानी सरकार को अपनी जिम्मेदारी का एहसास है."

Südkorea Anti-Japan Proteste in Seoul
जापान के विरूद्ध दक्षिण कोरियाई महिलाओं का प्रदर्शनतस्वीर: Reuters/J. Yeon-Je

किशीदा ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की ओर से सभी पीड़ितों से "दिल से माफी और पछतावे" का संदेश दिया. अब तक दक्षिण कोरिया की जोरदार मांग के बावजूद जापान इन गलतियों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान और उसके पहले जापानी सैनिकों के मनोरंजन के लिए हजारों कोरियाई महिलाओं को जबरन देह व्यापार में धकेल दिया गया था, जिन्हें कम्फर्ट वीमेन कहा जाता था.

ऐसी 46 कम्फर्ट वीमेन अभी जीवित हैं. 1910 से 1945 के बीच दक्षिण कोरिया पर शासन करने वाले जापान के साथ इस विवाद को सुलझाने के लिए अमेरिका समेत कई देश समय समय पर दबाव बनाते रहे हैं. अनुमान है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान करीब दो लाख महिलाओं को सेक्स बंधक बनाया गया था, जिनमें से अधिकांश कोरियाई थीं.

1965 में दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर की संपत्ति और दूसरे दावों को लेकर एक बड़ी संधि भी हुई लेकिन 'कंफर्ट विमेन' का मसला नहीं सुलझ सका था. जापान ने 1993 में भी 'कंफर्ट विमेन' के मुद्दे पर एक माफीनामा जारी किया था, जिसे 'कोनो स्टेटमेंट' के नाम से जाना जाता है. पिछले महीने जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने सिओल में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क गेउन-हाई से मुलाकात में इस मुद्दे पर बातचीत को जल्द पूरा करने का इरादा जताया था.

आरआर/एमजे (एएफपी)