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सेमेन्या चोटिल, कॉमनवेल्थ खेलों से हटी

२९ सितम्बर २०१०

800 मीटर दौड़ में विश्व चैंपियन दक्षिण अफ्रीका की धावक कास्टर सेमेन्या कमर में चोट के कारण कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेंगी. पुरुष या महिला होने के विवाद के बाद सेमेन्या दिल्ली में खुद को साबित करना चाहती थीं.

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तस्वीर: AP

दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर शुएब मंजरा ने कहा कि सेमेन्या जोहानेसबर्ग में टेस्ट के लिए मंगलवार को आई. स्कैन करने के बाद पता चला कि उन्हें कमर में चोट है. दक्षिण अफ्रीका की ओलंपिक समिति ने बयान जारी कर कहा, "सेमेन्या ने भी पुष्टि की है कि उनकी कमर में बहुत तेज दर्द है और वह दौड़ में सहज महसूस नहीं कर रही हैं."

मंजरा ने पत्रकारों को बताया कि खिलाड़ी का स्वास्थ्य सबसे पहले है. हालांकि उनकी अनुपस्थिति से दक्षिण अफ्रीका का एक सोने का तमगा जरूर घट जाएगा क्योंकि उनकी दौड़ से काफी उम्मीदें थीं. चूंकि 2011 की विश्व चैंपियनशिप भी आने ही वाली है और ओलंपिक में वह चोट के कारण नुकसान उठाना नहीं चाहतीं.

मंजरा ने कहा, "दिल्ली में एक ऐसी धावक के जाने का कोई मतलब नहीं है जो किसी तरह की चोट से जूझ रही हो. इससे उसके खेल पर भी असर पड़ेगा. डॉक्टरी सोच ऐसी है कि शारीरिक और भावनात्मक तौर पर वह शायद इतनी बड़ी प्रतियोगिता में अपना बढ़िया प्रदर्शन नहीं दिखा सकेंगी."

Leichtathletik Caster Semenya
दिल्ली में दौड़ने का ख्वाब टूटातस्वीर: AP

19 साल की सेमेन्या अगस्त में कॉमनवेल्थ में आने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम में शामिल की गईं. इसके एक ही महीने पहले अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स फेडरेशन ने उनके पुरुष या महिला होने के बारे में फैसला दिया था. इसके पहले वह करीब 11 महीने किसी खेल में हिस्सा नहीं ले सकीं.
दिल्ली के खेलों से पहले उन्होंने बढिया प्रदर्शन किया है. 7 सितंबर को मिलान में 800 मीटर की दौड़ में उन्होंने 1.59 मिनट की सीमा को भी तोड़ दिया.

2009 में सेमेन्या तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने अफ्रीकी जूनियर चैंपियनशिप में अपने ही रिकॉर्ड को चार सेकेंड से पीछे छोड़ दिया. लेकिन इस जीत के साथ उनके मजबूत शरीर और दमदार आवाज के कारण ये सवाल उठाए गए कि वह महिला नहीं हैं और महिलाओं की प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहीं हैं. बर्लिन में हुई विश्व चैंपियनशिप के कुछ समय बाद इस स्कैंडल के बवंडर में सेमेन्या का खेल थोड़े दिन रुक गया.

बर्लिन में मिला स्वर्ण पदक सेमेन्या के लिए मुश्किलें लेकर आया क्योंकि इसी चैंपियनशिप के बाद आईएएएफ ने सेमेन्या को खेलों में हिस्सा लेने से रोक दिया. उनके लिंग निर्धारण के लिए टेस्ट किए गए. प्रतिबंध के एक साल बाद डॉक्टरों, आईएएएफ और उनकी टीम के साथ गहन बातचीत के बाद सेमेन्या पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया. लेकिन मध्यस्थ के साथ हुई इस बातचीत में क्या समझौता हुआ, इस जानकारी को गोपनीय रखा गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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