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सैन्य शिविरों पर धरना दोः गिलानी

१६ सितम्बर २०१०

कश्मीर घाटी में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने प्रदर्शनकारियों से पुलिस और सुरक्षा बलों के शिविरों में धरना देने को कहा है. इससे घाटी में पैदा हालात से निपटने में जुटे सुरक्षाकर्मियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.

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तस्वीर: UNI

कश्मीर में तीन महीनों के दौरान भारत विरोधी प्रदर्शनों में लगभग 90 लोग मारे गए हैं. कट्टरपंथी नेता गिलानी ने कहा, "मैंने लोगों से अपील की है कि कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों के शिविरों के बाहर शांतिपूर्वक धरना दें." गिलानी की इस अपील पर मंगलवार से अमल शुरू हो जाएगा. वह 11 दिन तक विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम पहले ही पेश कर चुके हैं.

गिलानी ने कहा, "21 सिंतबर को होने वाले प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेंगे. लोग इंडिया गो बैक, गो बैक के नारे लगाएंगे. साथ ही सैन्य अधिकारियों को कश्मीर छोड़ कर जाने के लिए दरख्वास्त देंगे." गिलानी जून से हो रहे भारत विरोधी प्रदर्शनों का नेतृ्त्व कर रहे हैं.

Konflikt Indien Pakistan
गिलानी के बहकावे में न आएं लोग: सेनातस्वीर: AP

उधर सेना प्रमुख जेएस बराड़ ने गिलानी की अपील की तीखी आलोचना की है. वह कहते हैं, "यह जानबूझ कर सेना की मुश्किलें बढ़ाने की कोशिश है. इसलिए सेना लोगों से अपील करती है कि अलगाववादी नेताओं के बहकावे में न आएं." सेना, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने बुधवार को एक बैठक के बाद कहा कि उन्होंने शांति कामय करने के लिए एक "संयुक्त रणनीति" तैयार की है. सेना के एक बयान में कहा गया है कि बैठक में अलगाववादियों से निपटने के उपायों पर बहुत गंभीरता से चर्चा की गई है. फिलहाल इस रणनीति का कोई विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन इतना बताया गया है कि यह रणनीति तुरंत लागू की जाएगी.

बुधवार को कश्मीर की स्थिति पर नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक हुई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में चली पांच घंटे की बैठक में फैसला हुआ कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल घाटी के जमीनी हालात जानने के लिए वहां का दौरा करेगा. कश्मीर परमाणु हथियारों से लैस भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से तनाव की वजह रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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