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सोशल मीडिया पर आप का घमासान

३० मार्च २०१५

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि पार्टी ठीक ठाक है, चिंता करने की जरूरत नहीं. तो दूसरी ओर दिल्ली के बाहर बहुत से सदस्य पार्टी के हाल पर नाराज हैं और इस्तीफे की सोच रहे हैं.

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जाने कहां गए वो दिन?तस्वीर: picture-alliance/dpa

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से पैदा हुई आप पार्टी ने विद्रोही नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पिछले हफ्ते राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया था. प्रशांत भूषण को राष्ट्रीय अनुशासन समिति के अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है. 41 लाख फॉलोवर वाले अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पार्टी के हाल पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार महाराष्ट्र के बहुत से नेता पिछले दिनों के विवादों से अत्यंत परेशान हैं और "दिल्ली गैंग" के हस्तक्षेप बढ़ने की आशंका में हैं.

भारत के बहुत से लोगों ने आप से देश में राजनीति बदलने की उम्मीद की थी. कुछ लोग पार्टी में मचे घमासान की निंदा कर रहे हैं तो कुछ इसे उसके विकास के लिए जरूरी बता रहे हैं.

लेखक चेतन भगत ने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को हटाए जाने की तुलना फिल्म शान से की है.

तो पत्रकार शेखर गुप्ता ने कहा है कि देश के राजनीतिक पटल पर एक नया निर्मम नेता पैदा हुआ है.

ऐसे लोग भी हैं जो आप में घटी और घट रही घटनाओं को लोगों के विश्वास की हत्या मान रहे हैं.

पार्टी के आंतरिक लोकपाल को बिना उनसे बात किए हटाने जाने की भी सख्त आलोचना हो रही है.

योगेंद्र यादव ने भी लोकपाल को हटाए जाने की निंदा की है.

एमजे/ओएसजे