1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

स्कूल में कॉमिक्स की पढ़ाई

१४ नवम्बर २०१३

वक्त बर्बाद मत करो, स्कूल की किताबें पढ़ो, कॉमिक्स में क्या रखा है.. माता-पिता अक्सर बच्चों को कॉमिक्स से दूर रखने की कोशिश करते हैं. लेकिन जर्मनी के एक स्कूल में कॉमिक्स पढ़ाई जा रही है और बच्चे इनका लुत्फ भी उठा रहे हैं.

https://p.dw.com/p/1AI0V
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कार्टूनिस्ट सेबास्टियन येनाल को जर्मनी के स्कूलों में ओत्सी के नाम से जाना जाता है. ओत्सी बच्चों के साथ जलवायु संरक्षण के बारे में बात करना चाहते हैं और उन्हें बताना चाहते हैं कि पर्यावरण को बचाने के लिए बच्चे अपने स्तर पर क्या कर सकते हैं.

स्कूलों में जा कर वे उन्हें समझाते हैं कि पर्यावरण बचाना कितना आसान है, मसलन बिजली और पानी कम खर्च करो और रीसाइकल्ड पेपर का इस्तेमाल करो. बच्चों के काम को और दिलचस्प बनाता है उनका तैयार किया पर्यावरण लाइसेंस. दरअसल ओत्सी ने कॉमिक्स के किरदार तैयार किए हैं. बो नाम का भालू और बोनी नाम का बब्बर शेर बच्चों को बताता है कि वे पर्यावरण को कैसे बचा सकते हैं.

फिर जब बच्चे अपने जीवन में उसे अपनाते हैं तो बच्चों को पर्यावरण लाइसेंस दिया जाता है. कॉमिक्स के जरिए उन्हें समझ आता है कि अगर घर में बिना वजह कहीं बल्ब जल रहे हैं तो उन्हें बंद कर देना है. इस तरह के काम करके बच्चे पर्यावरण राजदूत बन जाते हैं.

टीचर निकोल श्मित्स रिष्टर बताती हैं, "बच्चे देखते हैं कि वह घर में क्या कुछ कर सकते हैं. वह सोचते हैं कि घर में हम किस तरह पर्यावरण सुरक्षा में योगदान दें और मुझे यह बेहद जरूरी लगता है."

23.09.2013 DW Global 3000 Comic
कार्टूनिस्ट सेबास्टियन येनाल को जर्मनी के स्कूलों में ओत्सी के नाम से जाना जाता है.तस्वीर: DW

बॉनी और बो

ओत्सी ने कॉमिक्स में कई अभ्यास भी बनाए हैं. पोलर बीयर बो को उन्होंने इसलिए चुना क्योंकि ध्रुवों में बढ़ते तापमान की वजह से यह जीव खतरे में है. कहानी में बो आर्कटिक ध्रुव से बॉन आता है. यहां उसकी मुलाकात बॉनी शेर से होती है जिसे पर्यावरण में बदलाव के बारे में कुछ भी नहीं पता.

इसके जरिए ओत्सी हर साल करीब 300 बच्चों तक अपनी बात पहुंचाते हैं. कार्टून और कॉमिक्स बनाना उन्होंने खुद ही सीखा. 12 साल से वे इस पेशे में हैं. 35 साल के ये कलाकार खुद भी साइकिल ही चलाते हैं. वह अलग अलग संगठनों के लिए तस्वीरें बनाकर पैसे कमाते हैं.

उनके फ्लैट से कुछ ही दूर है ओरो वेर्डे. यह संस्था ऊष्ण कटिबंधीय जंगलों के लिए काम करती है. ओत्सी की तस्वीरों के जरिए यह संस्था लोगों को ग्रीनहाउस गैसों के बारे में बताना चाहती हैं, कुछ इस तरह से कि हर किसी को समझ आ जाए. ओरो वेर्डे की कार्यकर्ता लिंडा रोनश्टॉक का कहना है, "बड़े बड़ों को भी लंबी चौड़ी कहानियां पढ़ने में मजा नहीं आता. आपको बच्चों और बड़े में फर्क करने की जरूरत नहीं. कभी कभी बड़े भी सरलता को पसंद करते हैं. और फिर उन्हें तस्वीरें देखने में मजा आता है. वैसे भी हम सब के दिल में भी कहीं ना कहीं कोई बच्चा छिपा ही है."

ओत्सी के बॉनी और बो अब बॉन शहर के बाहर भी लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करना चाहते हैं. ओत्सी अब ब्राजील और बोलीविया के बच्चों के लिए पर्यावरण लाइसेंस बना रहे हैं और एशिया और अफ्रीका में भी लोग इसमें दिलचस्पी लेने लगे हैं.

रिपोर्टः हिल्के फिशर/मानसी गोपालकृष्णन

संपादनः ईशा भाटिया

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी