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स्कॉटलैंड में टोरी पार्टी से असंतोष निर्णायक

१७ सितम्बर २०१४

ब्रिटेन ने स्कॉटलैंड को व्यापक सरकारी अनुदान और स्वास्थ्य सेवा के खर्च में नियंत्रण का अधिकार देने की पेशकश की है. लेकिन आजादी पर हो रहे मतदान में आखिरी फैसले में कंजरवेटिव पार्टी के लिए वोटरों का रवैया अहम हो सकता है.

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तस्वीर: DW/Bernd Riegert

गुरुवार को हो रहे मतदान से पहले जनमत सर्वेक्षणों में मामला कांटे का नजर आ रहा है. राष्ट्रवादी नेता एलेक्स सैलमंड की आजादी के अभियान में कल्याणकारी कदमों पर खर्च और राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा का भविष्य मुख्य एजेंडा बन गया है. पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन की मध्यस्थता में देश की तीन प्रमुख पार्टियों ने एक डील के बाद कहा है कि वे अनुदान का ऐसा तरीका बनाए रखेंगे जिसमें उत्तरी हिस्से में सरकारी खर्च का ऊंचा स्तर बना रहे.

स्कॉटलैंड के प्रमुख दैनिक में प्रकाशित प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों के इस समझौते में कहा गया है, "लोग बदलाव चाहते हैं. और अलगाव के बदले नो वोट तेज, सुरक्षित और बेहतर बदलाव लाएगा." इस पर प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, लेबर नेता एड मिलीबैंड और लिबरल डेमोक्रैट नेता निक क्लेग ने दस्तखत किए हैं.

Großbritannien Schottland Unabhängigkeitsreferendum Gordon Brown in Glasgow
गॉर्डन ब्राउनतस्वीर: Reuters/D. Martinez

स्कॉटलैंड में जन्मे लेबर नेता ब्राउन ने उसे अधिक अधिकार देने का एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया है और मतदाताओं को यह समझाने में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं कि वे आजादी के खिलाफ वोट दें. कैमरन का कहना है कि यदि स्कॉटिश मतदाता आजादी का समर्थन करते हैं तो पीछे नहीं हटा जा सकता और यह तलाक दर्दनाक होगा. लेकिन मतदाताओं को मनाने के लिए स्कॉटलैंड को अधिकार अधिकार देना इंगलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के वोटरों और विधायकों को नाराज कर सकता है, जहां इस तरह की गारंटी दिए जाने की कोई योजना नहीं है.

राष्ट्रवादी नेताओं का कहना है कि आजाद स्कॉटलैंड धनी और न्यायोचित देश बन सकेगा तो एकता समर्थकों का कहना है देश को तोड़ना वित्तीय आर्थिक और राजनीतिक संकट का कारण बन जाएगा. राष्ट्रवादियों के हाथ में सबसे बड़ा हथियार कंजरवेटिव पार्टी से व्यापक असंतोष है. टोरी के नाम से जानी जाने वाली प्रधानमंत्री कैमरन की कंजरवेटिव पार्टी पहले विश्व युद्ध के बाद से अक्सर सत्ता में रही है. सिर्फ एक बार 1955 में उसने स्कॉटलैंड में आधी सीटें जीती थीं. 1997 तक जब टोनी ब्लेयर के नेतृत्व में लेबर पार्टी की जीत हुई वहां से कंजरवेटिव पार्टी का सफाया हो चुका था. 2010 के चुनाव में कैमरन की पार्टी को वहां की 59 सीटों में सिर्फ एक सीट मिली.

यह पार्टी स्कॉटलैंड में इतनी अलोकप्रिय है कि वह आजादी के चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है. जबकि कैमरन ने टोरी पार्टी को दुलत्ती लगाने के लिए जनमत संग्रह का इस्तेमाल न करने की अपील की है आजादी समर्थक दावा कर रहे हैं कि हां वोट का मतलब होगा स्थानीय लोगों के हाथों में सत्ता सौंपना.

एमजे/एएम (रॉयटर्स, एपी)