1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

स्टाइल की पहचान बने हेडफोन

२६ मार्च २०१४

ये रंग बिरंगे हैं, स्टाइलिश हैं और किसी भी बड़े शहर में युवाओं की पहचान बन गए हैं. बड़े हेडफोन अब फैशन का प्रतीक हैं.

https://p.dw.com/p/1BVaf
Symbolbild Musik Kopfhörer
तस्वीर: Fotolia/cobaltstock

किसी को बड़े हेडफोन के बीट्स अच्छे लगते हैं, कोई इन्हें पहनकर अपने स्टाइल को खास बनाना चाहता है, तो किसी को चाह है कि बाजार में आते जाते लोगों को पता चले कि वह कितना कूल है क्योंकि उसके पास यह बड़े रंग बिरंगे हेडफोन हैं. दस साल पहले तक मामला अलग था और तब सिर्फ तकनीक के प्रेमी इन बड़े हेडफोन्स को बढ़िया आवाज के लिए इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब इनका डिजाइन और इनका रंग बड़ी भूमिका निभाते हैं.

संस्कृति का हिस्सा

यूरोप के हेडफोन बाजार के कुछ बड़े खिलाड़ी हैं. डेनमार्क की आईआईआई और स्वीडन के अर्बनईयर्स स्टाइल प्रेमियों को लुभाने की कोशिश में हैं. लुत्स मोलर भी इस बाजार का हिस्सा बन रहे हैं. दो साल पहले उन्होंने कोलोन में जर्मनी का पहला हेडफोन शोरूम खोला. लुत्स के मुताबिक हेडफोन बड़े शहरों में संस्कृति का हिस्सा बन गए हैं, "आप जिस भी बड़े जर्मन शहर में जाएं, तो देखेंगे कि लोग या तो हेडफोन अपने सिर पर लगाए हुए हैं या उन्होंने उसे गले में लटका रखा है. यानी वह बताना चाहते हैं कि वे इस वक्त म्यूजिक सुन रहे हैं और उन्हें डिस्टर्ब ना किया जाए."

Symbolbild - Musikhörender Mann
युवाओं में फैशनेबल हेडफोन ज्यादा लोकप्रियतस्वीर: Fotolia/Warren Goldswain

संगीतकार भी अपने ब्रैंड के हेडफोन से फैंस को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं. अमेरिकी रैपर डॉक्टर ड्रे ने भी अपना ब्रैंड शुरू किया है. दूसरे नये खिलाड़ी हेडफोन को मार्केटिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. स्वीडिश कंपनी वीएससी कपड़ों से मैच करने वाले हेडफोन बना रही है. अगर सिर्फ रंग से बात न बने तो रेसिंग कारों के लिए मशहूर फरारी का लोगो आपके हेडफोन पर लग सकता है. कीमत, करीब 150 यूरो.

पुरानी कंपनियों के मॉडर्न तरीके

नई दुनिया के नए तौर तरीके और नए फैशन. कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहता. मार्शल जैसा पुराना और खालिस ब्रिटिश ब्रांड भी हेडफोन बाजार में कूद पड़ा है. मार्शल के फिल वेल्स के लिए मार्शल की अपनी खास पहचान है, " हम कोई ऐसा वैसा हेडफोन ही पेश नहीं करना चाहते थे. हम ऐसे हेडफोन बना रहे हैं जो हमारी कंपनी की छवि से मेल खाएं, जो स्टाइलिश हों और अच्छी तरह से बनाए गए हों."

और जिन ग्राहकों की जरूरतें कुछ ज्यादा हों, उनके लिए टोपी वाला हेडफोन, या गर्मियों के गॉगल्स की लुक वाले हेडफोन. अगर पुराने डिजाइन पसंद हों तो फिर अस्सी के दशक के वॉकमैन वाले हेडफोन भी उपलब्ध हैं.

जर्मनी में हेडफोन का बाजार बढ़ रहा है. 2013 में इसका टर्नओवर 35 करोड़ यूरो रहा. ग्राहक एक हेडफोन के लिए 50 से लेकर 200 यूरो तक खर्च करते हैं. हेडफोन व्यापारी लुत्स मोलर के कुछ ग्राहक तो कपड़ों से मैचिंग हेडफोन पहनना पसंद करते हैं, "ऐसे कई ग्राहक हैं जो हेडफोन के रंग को अपने बालों के रंग या अपने कपड़ों से जोड़कर देखते हैं. इसी वजह से हमारी दुकान में आईना भी है. हमारे ऐसे ग्राहक भी हैं जिनके पास वही मॉडल घर पर दो तीन रंगों में है."

तकनीक से फैशन तक, बड़े ब्रैंड भी बाजार की जरूरतों को समझ रहे हैं, जैसे जर्मनी की सेनहाइजर. इसके एक हेडफोन की कीमत है करीब 1,200 यूरो. और अब भी अलग अलग रंगों में आ रहे हैं. ऐसे हेडफोन को उनकी क्वालिटी के लिए खरीदा जाता था लेकिन सेनहाइसर भी ग्राहकों के स्टाइल पर ध्यान दे रही है. कंपनी के प्रमुख फोल्कर बार्टल्स कहते हैं, " हेडफोन बाजार में लेट होने से ज्यादा बुरा और कुछ नहीं. जब आईपॉड आया तो वो सफेद था, और आप काले हैडफोन लाते तो सफलता नहीं मिलती."

रिपोर्टः टाउबे फ्रीडल/एमजी

संपादनः ईशा भाटिया

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें