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स्पैक्ट्रम घोटाले में राजा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

१३ सितम्बर २०१०

2जी स्पैक्ट्रम विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने भारत के दूरसंचार मंत्री ए राजा को नोटिस भेजा है. अदालत ने 10 दिन में राजा और उनके विभाग से जवाब देने को कहा है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राजा के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.

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तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

जस्टिस जीएस सिंघवी और एके गांगुली की बेंच ने यह नोटिस सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग को भी भेजा है. दूरसंचार मंत्री ए राजा पर आरोप हैं कि उन्होंने 2008 में 2जी स्पैक्ट्रम का अधिकार कम दामों में बेचा. इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ.

जनहित में दायर की गई याचिका में सर्वोच्च अदालत से भी मांग की गई है कि वह सीबीआई की कार्रवाई की निगरानी करे. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अदालत से कहा कि भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत होने के बावजूद सीबीआई राजा के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे दस्तावेज मिल चुके हैं जिनसे यह साबित हो रहा है कि राजा और अन्य लोगों के बीच कथित सांठगांठ हुई.

दूरसंचार मंत्रालय ने दो साल पहले 2जी स्पैक्ट्रम सेवाओं का अधिकार 122 कंपनियों बेचा. सौदा 1,658 करोड़ रुपये में हुआ. यह सवाल उठाया गया है कि इतनी बड़ी प्रक्रिया के लिए साफ सुथरे ढंग से नीलामी क्यों नहीं कराई गई. आरोपों के मुताबिक दूरसंचार मंत्री ने 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर कई कंपनियों को सीधे मदद पहुंचाई. ऐसी भी रिपोर्टें हैं कि कई विवादित सौदों को खुद राजा ने दस्तखत करके मंजूरी दी.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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