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लोकसभा में कांग्रेस का हंगामा

२० अप्रैल २०१५

प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही विश्वास जताया हो कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण उपलब्धियों से भरा होगा, लेकिन लोकसभा में कभी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर तो कभी सोनिया गांधी पर गिरिराज सिंह की टिप्पणी को लेकर हंगामा चलता रहा.

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Indien Parlament in Neu Delhi
तस्वीर: UNI

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की प्रति आज लोकसभा में रखे जाने पर कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी. प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद जैसे ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूडी का नाम पुकारा वैसे ही कांग्रेस, वाम दलों, जनता दल (यू), तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और आम आदमी पार्टी के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आ गए और "भूमि विधेयक वापस लो" के नारे लगाने लगे.

इस पर अध्यक्ष ने कहा, "श्री रूडी ने सदन के पटल पर सिर्फ अध्यादेश की प्रति रखी है, इसके विरोध का कोई औचित्य नहीं है. सरकार जब विधेयक लाए तो आप नियम पूर्वक उसका विरोध कर सकते हैं. आपको इसका पूरा अधिकार भी होगा." लेकिन सदस्य नहीं माने और नारेबाजी करते रहे. इस बीच अध्यक्ष ने महिला बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को विश्व में प्रथम रैंकिंग प्राप्त होने पर बधाई संदेश देने के लिए हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने की अपील की, लेकिन वे जोर जोर से नारेबाजी करते रहे.

इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यमन से भारतीय एवं अन्य देशों के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए गए अभियान "राहत" के सफलतापूर्वक संपन्न होने संबंधी एक बयान पढ़ा. इस दौरान भी महाजन ने सदस्यों से कहा कि यमन से निकाले गए लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए कुछ देर के लिए शांत हो जाएं लेकिन उनकी नारेबाजी जारी रही. सुषमा स्वराज ने शोर शराबे के बीच ही अपना बयान पढ़ा. हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने भोजनावकाश के पहले ही सदन की कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

सोनिया के खिलाफ टिप्पणी पर हंगामा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ की गयी टिप्पणी के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज लोकसभा में खेद जताया. सिंह ने हाल ही में बिहार में कहा था कि अगर राजीव गांधी ने किसी नाइजीरियाई महिला से शादी की होती और वह गोरी चमड़ी वाली नहीं होती हो क्या कांग्रेस उनका नेतृत्व स्वीकार करती. कांग्रेस सदस्यों ने सदन की बैठक शुरू होते ही यह मुद्दा उठाया और गिरिराज सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने और इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के सदस्यों ने भी उनका साथ दिया. बाद में गिरिराज सिंह ने अपनी टिप्पणी के लिए सदन में खेद जताते हुए कहा, "किसी का अपमान करना मेरा उद्देश्य नहीं था. मेरी बातों से अगर किसी को दुख पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करता हूं."

कांग्रेस के सदस्यों ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव दिए हुए थे. सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि उन्होंने स्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं किए हैं लेकिन वह सदस्यों को शून्यकाल के दौरान बोलने का मौका देंगी. इस पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि श्री सिंह का बयान स्त्री समाज का अपमान है. कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस बारे में कहा, "इस बयान से देश का सिर शर्म से झुक गया है. जिस देश में महिलाओं को पूजा जाता है उस देश में उन पर ऐसी टिप्पणी अशोभनीय है. यह टिप्पणी नाइजीरिया के लोगों के खिलाफ भी है और वहां के लोग भी भारत सरकार से माफी की मांग कर रहे हैं." सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, "उन्हें अपना मौनव्रत तोड़कर गिरिराज सिंह से इस्तीफा मांगना चाहिए और सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए."

इस पर संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार में कोई भी सिंह के बयान से सहमत नहीं है और ऊंचे पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही करीब 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी.

आईबी/आरआर (वार्ता/पीटीआई)