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हरभजन सिंह को विश्व कप जीतने की उम्मीद

१ फ़रवरी २०११

भारत के सफलतम ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का विश्वास है कि भारतीय टीम को अब जीतने की आदत हो गई है और अगामी विश्व कप में भी वह इसी आदत को बरकरार रखेगी और सफलता हासिल करेगी.

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तस्वीर: UNI

अपनी गेंदबाजी से कई मौकों पर भारत को जीत दिलाने वाले हरभजन ने हाल ही में अपने बल्ले से भी लोहा मनवाया है.

भारतीय टीम के हालिया दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर टीम इंडिया का एक गुण सामने आया कि वह विपरीत परिस्थितियों में भी पलटवार करने की क्षमता रखती है. दक्षिण अफ्रीकी दौरे में टेस्ट सीरीज के दौरान भारतीय टीम पहला टेस्ट हारकर पिछड़ चुकी थी, लेकिन अंत में वह सीरीज बराबर करने में कामयाब रही.

इसी तरह दूसरे वनडे में भारत 190 रनों के स्कोर पर आउट हो गई थी, लेकिन इस स्कोर को भी उसके गेंदबाजों ने बखूबी बचाया और दक्षिण अफ्रीका को एक रन से मात दी. इसी तरह तीसरे वनडे मैच में एक बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 93 रनों पर भारत के पांच शीर्ष बल्लेबाज पैवेलियन लौट गए थे, लेकिन भारत ने फिर भी यह मैच जीता, जिसमें हरभजन ने 23 रन बनाए थे.

हरभजन ने कहा कि हमारी टीम विश्वास से लबरेज है और आप देखें कि नंबर एक से लेकर नंबर ग्यारह तक के खिलाड़ी टीम को मैच जिता चुके हैं. हर खिलाड़ी का यह माइंडसेट बन चुका है कि उसे आखिरी दम तक जीत के लिए प्रयास करना है.

हरभजन ने कहा कि हम सभी खिलाड़ी अपनी क्षमताओं पर भरोसा करते हैं. अगर हमें 100 रन चाहिए और सिर्फ दो विकेट शेष हैं तो भी हम जीते हैं और अगर विपक्षी टीम को 150 रन चाहिए और उसके सभी विकेट शेष हैं तो भी हम एक दूसरे पर भरोसा करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी टीम में विपरित परिस्थतियों में भी मुकाबला करने की क्षमता है और यह हमने कई बार साबित किया है. उन्होंने कहा कि इसी जज्बे के साथ हम विश्व कप में उतरेंगे.

Indias Harbhajan Singh
तस्वीर: AP

साथी खिलाड़ियों में भज्जी के नाम से मशहूर हरभजन ने अपने विश्व कप के अनुभव के बारे में बताया कि विश्व कप मेरी लिए मिश्रित रहा है. हरभजन विश्व कप 2003 की उस भारतीय टीम के सदस्य रह चुके हैं जिसने फाइनल में जगह बनाई थी. हरभजन 2007 के विश्व कप के दौरान भी भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन टीम पहले दौर में ही बाहर हो गई थी.

हरभजन ने कहा कि, ''2003 में मैं नया था, लेकिन विश्व कप 2003 का अनुभव मेरे लिए अद्बुत था. हमने पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेहतरीन क्रिकेट खेला, सिवाय उन दो मैचों के जिनमें हम हारे. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैचों को छोड़ दिया जाए तो हमने कमाल का प्रदर्शन किया.'' उन्होंने कहा कि मेरे लिए इस विश्व कप से जुड़ी कई यादें हैं.

हरभजन ने विश्व कप 2007 में भारतीय टीम की नाकामी पर कहा कि उस दौरान हम अच्छा नहीं खेले और बांग्लादेश से हारने के बाद हमारा टूर्नामेंट से बाहर होना तय था. विश्व कप 2007 में हमारे खेल का स्तर दयनीय था. हमारे लिए कुछ अच्छा नहीं हो रहा था और यह मेरे पूरे क्रिकेट करियर के दौरान सबसे खराब समय था. मुझे याद है कि हम बांग्लादेश से हारने के बाद किसी तरह टूर्नामेंट में बने रहने की आस लगाए बांग्लादेश और बरमूडा के बीच मैच के परिणाम का इंतेजार कर रहे थे. यह सचमुच मेरे लिए क्रिकेट का सबसे खराब समय था.

पुरानी बातों को भूलकर हरभजन ने 19 फरवरी से शुरू हो रहे विश्व कप के बारे में कहा कि विश्व कप जीतने की मेरी भी तमन्ना है और अगर हमने अपनी लय बनाए रखी तो उम्मीद है कि हमारा विश्व कप जीतने का यह सपना जरूर पूरा होगा.

2007 में भारत की टी-20 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे हरभजन ने कहा कि हमारी वर्तमान टीम में खिताब जीतने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि अगर हमने अनुशासित क्रिकेट खेला तो इस बार विश्व विजेता हम ही होंगे.

आत्मविश्वास से लबरेज हरभजन ने कहा कि अपने देश में खेलने से अतिरिक्त फायदा मिलता ही है औऱ कई बार हमसे ज्यादा उम्मीदें की जाती हैं, लेकिन यह हमारे लिए बोझ नहीं होगा. क्योंकि हम ऐसी परिस्थितियों में खेलने के आदी है और हमने अच्छा प्रदर्शन भी किया है. हरभजन ने कहा कि टीम मे हर खिलाड़ी परिपक्व है अपना रोल अच्छी तरह जानता है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एस खान

संपादनः ओ सिंह