हवाई उड़ानों की महिला अग्रदूत
कॉकपिट में मशहूर महिलाएं. हवा में उड़ने का सपना इंसान काफी समय से देखता रहा है. पिछली शताब्दी में हवा पर जीत की कोशिश में सिर्फ पुरुष ही आगे नहीं थे. उड़ान के इतिहास में महिलाओं ने भी बड़ी भूमिका निभाई है.
दुनिया का चक्कर
जर्मन पायलट एली बाइनहॉर्न (1907-2007) वह पहली महिला थीं, जो 13 अगस्त 1935 को एक दिन में जर्मनी से एशिया गईं और वापस लौटीं. जिन हवाई अड्डों पर वे उतरीं उनमें से भी ज्यादातर पर उतरने वाली वह पहली महिला पायलट थीं. उन्हें उड़ते डिब्बे की खूबसूरत लड़की के नाम से जाना जाता था. वे दुनिया के सभी हिस्सों में जाने वाली पहली महिला पायलट थीं.
हवा की बेटी
अमेलिया इयरहार्ट (1897-1937) को अमेरिका की प्रसिद्ध पायलट माना जाता है. वे पहली प्रशिक्षित पायलट थीं और 1916 से ही अपना पेशा चुनने के महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ रही थीं. 1932 में वे अकेले अटलांटिक पार करने वाली पहली महिला पायलट बनीं. 1937 में उन्होंने कैलिफोर्निया से इक्वेटर के लिए रिकॉर्ड बनाने वाली उड़ान भरी लेकिन फिर कभी वापस नहीं लौट सकीं.
मर्दों के बीच पहली
अमेली बीजे (1886-1925) सितंबर 1911 में पायलट का लाइसेंस पाने वाली पहली जर्मन महिला थी. मशीन वाले विमान की पहली जर्मन महिला पायलट देश के सामाजिक जीवन में सनसनी थी, क्योंकि उन्होंने पहले विश्वयुद्ध से ठीक पहले पायलट का लाइसेंस लेकर मर्दों के वर्चस्व को तोड़ा था. उन्होंने एक फ्लाइंग स्कूल भी खोला और अपना विमान बनाया, लेकिन अंत में आत्महत्या कर ली.
पहली महिला कैप्टन
जर्मन पायलट हाना राइच (1912-1979) विश्वस्तरीय पायलट थीं. उनकी यह छवि विभिन्न तरह के विमानों में बनाए गए 40 रिकॉर्डों पर टिकी है. 1937 में वह कैप्टन बनने वाली पहली महिला पायलट थीं. 1938 में उन्होंने हेलिकॉप्टर उड़ाया और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वायुसेना में टेस्ट पायलट बनीं. उसके बाद उन्होंने घाना में फलाइंग स्कूल खोला.
पहली अमेरिकी महिला पायलट
हैरिएट क्विम्बी (1875-1912) पहली महत्वपूर्ण अमेरिकी महिला पायलट थीं. अमेरिका में पायलट लाइसेंस पाने वाली वह पहली महिला थीं. 1912 में वे पहली बार इंग्लैंड और फ्रांस के बीच इंगलिश चैनल पार करने वाली महिला पायलट बनी. हैरिएट खुद कमाती थीं, सिगरेट पीती थीं और दूसरी महिलाओं को स्वतंत्र जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करती थीं. उनकी मौत एक विमान दुर्घटना में हो गई.
पहली जर्मन ट्रांसपोर्ट पायलट
मार्गा फॉन एत्सडॉर्फ (1907-1933) पहली महिला थीं जिसे "लुफ्ट हांसा" में को-पायलट की नौकरी मिली. 1931 में जर्मनी से जापान तक की उड़ान भरने वाली वह पहली महिला थीं. 1933 में वे दूसरी लंबी उड़ान पर निकलीं. अलेप्पो में विमान उतरने के दौरान रनवे से नीचे उतर गया. हालांकि उन्हें चोट नहीं लगी लेकिन फिर कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई. कारण का पता नहीं चला.
रूसी रिकॉर्डधारी
मारीना रासकोवा (1912-1943) की गिनती रूस के प्रसिद्ध पायलटों में होती है. 1938 में उन्होंने (चित्र में दाएं) दो अन्य पायलटों के साथ एक रोमांचक उड़ान भरी और विश्व रिकॉर्ड बनाया. इसके लिए उन्हें सोवियत संघ के हीरो पदक से सम्मानित किया गया. उसके बाद वह सैनिकों को नेविगेशन सिखाने लगीं.
सबसे तेज महिला
जैकलीन कोचरान (1906-1980) अमेरिका की नामी पायलटों में शामिल हैं. सामान्य परिवार से आने वाली इस पायलट ने उड़ान में कुल मिलाकर 58 रिकॉर्ड बनाए. 1953 में उन्होंने पहली महिला के रूप में ध्वनि की बाधा को पार किया. 1958 में वे एफएआई की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं. उन्हें दुनिया की सबसे तेज महिला कहा जाता था.
हवा की रानी
फ्रांस की पायलट जैकलीन ऑरियोल (1917-2000) ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भरने वाली पहली यूरोपीय महिला पायलट थीं. फ्रांस के राष्ट्रपति की पतोहु ने कुछ विश्व रिकॉर्ड बनाए और लंबे समय तक दुनिया की सबसे तेज महिला रहीं.
अफ्रीका की पहली पेशेवर पायलट
बेरिल मरखम (1902-1986) जब छोटी थीं तो अपने पिता के साथ इंगलैंड से केन्या पहुंची. 1930 में उन्होंने पूर्वी अफ्रीका में पेशेवर पायलट का लाइसेंस लिया. 1936 में उन्हें बड़ी कामयाबी मिली जब वे अटलांटिक पार कर इंग्लैंड से अमेरिका तक का सफर करने वाली दुनिया की पहली इंसान बनीं. 2003 में उन्हें उड्डयन के इतिहास की 100 महत्वपूर्ण महिलाओं की सूची में शामिल किया गया.
दुनिया की पहली एयर होस्टेस
एलेन चर्च (1904-1965) 1930 में ऑकलैंड से शिकागो गए तीन मोटर वाले बोइंग 80 पर विमान परिचारिका थीं. वे शौकिया पायलट थीं और खुद जहाज उड़ाना पसंद करतीं लेकिन उन दिनों पायलट बनना इतना आसान नहीं था.