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हादसे के लिए पोलैंड के राष्ट्रपति जिम्मेदार!

२ जून २०१०

राष्ट्रपति की वजह से रूस में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था पोलैंड का विमान. पायलटों की बातचीत का ब्यौरा सार्वजनिक किया गया. इसमें साफ संकेत मिले हैं कि पायलट के मना करने बावजूद फ्लाइट पर सवार राष्ट्रपति ने लैंडिंग का दबाव डाला.

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तस्वीर: AP

पोलैंड ने इसी साल 10 अप्रैल को क्रैश होने वाली फ्लाइट के डाटा रिकॉर्डर का ब्यौरा सार्वजनिक किया है. पश्चिमी रूस में हुए इस हादसे में पोलैंड के राष्ट्रपति लेख काचिंस्की और कई मंत्रियों समेत 95 लोगों की मौत हो गई थी. फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर की डिटेल में यह साफ कहा गया है कि दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले लगातार विमान इमरजेंसी सिग्नल दे रहा था, लेकिन इनके बावजूद लैंडिंग की कोशिश की गई.

दर्ज बातचीत के मुताबिक, विमान लगातार ''पुल अप, पुल अप'' यानी ऊंचाई पर जाएं, ऊंचाई पर जाएं की चेतावनी दे रहा था. रूस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारियों ने भी पायलट को हादसे से 16 मिनट पहले ख़राब मौसम की जानकारी देते हुए लैंड न करने की सलाह दी. एयर ट्रैफिक कंट्रोल की सलाह के बाद मुख्य पायलट ने कहा, ''शुक्रिया, अगर मुमकिन हुआ तो हम लैंडिंग की कोशिश करेंगे.

Kanada Polen Trauer zum Tod von Präsident Lech Kaczynski
राष्ट्रपति समेत 95 लोगों की जान गईतस्वीर: AP

लेकिन अगर मौसम ठीक नहीं हुआ तो हम लैंड नहीं करेंगे, इंतज़ार करेंगे.'' इस दौरान पोलैंड सरकार का एक अधिकारी भी कॉकपिट में पायलटों के साथ था. पायलट ने उससे साफ कहा कि हम विमान नहीं उतार सकते.

इसके बाद अधिकारी ने पालयट से कहा कि, ''हमें दिक्कत हो रही है.'' इस बातचीत के 10 मिनट बाद अधिकारी ने पायलटों से कहा, ''राष्ट्रपति ने अभी तय नहीं किया है कि हमें क्या करना है.'' समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि हादसे से ठीक तीन मिनट पहले कॉकपिट में फिर किसी ने पायलटों से कहा, ''वह झल्ला जाएंगे अगर....''

इस बातचीत के बाद पायलट ने विमान नीचे लाना शुरू किया. विमान लगातार ऊपर जाने की चेतावनी देता रहा लेकिन दबाव में आए पायलटों ने लैंडिंग की नाकाम कोशिश की और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसें में दोनों पायलटों समेत 95 लोगों की मौत हो गई.

इस बात की आशंका शुरू से ही जताई जा रही थी पालयटों पर राष्ट्रपति लेख काचिंस्की ने विमान को उतारने का दबाव डाला. हादसे के बाद रूसी अधिकारी भी कह चुके थे कि पायलट सुलझे हुए लग रहे थे और उनका सुझाव मान चुके थे. लेकिन तब पोलैंड सरकार इससे इनकार कर रही थी और पायलटों की गड़बड़ी को ही हादसे के लिए दोषी ठहरा रही थी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य